द लिजेंड ऑफ भगत सिंह
इस फिल्म में क्रांतिकारी भगत सिंह (Bhagat Singh) का किरदार अजय देवगन ने निभाया है। अजय देवगन की शानदार एक्टिंग ने फिल्म को सराहना प्राप्त की है और यह भगत सिंह की वीरता को जीवंत करती है।
इस फिल्म में क्रांतिकारी भगत सिंह (Bhagat Singh) का किरदार अजय देवगन ने निभाया है। अजय देवगन की शानदार एक्टिंग ने फिल्म को सराहना प्राप्त की है और यह भगत सिंह की वीरता को जीवंत करती है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की जिंदगी पर आधारित इस फिल्म का निर्देशन श्याम बेनेगल ने किया है। बोस: द फॉरगॉटन हीरो को नरगिस दत्त नेशनल अवॉर्ड के लिए भी नामांकित किया गया था और इसमें नेताजी के आज़ादी की लड़ाई को दर्शाया गया है।
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सेनानी और राष्ट्रवादी नेता वीर सावरकर (Veer Savarkar) के जीवन पर बनी फिल्म में उनके जीवन को दिखाया गया है। सावरकर को अंग्रेजी सरकार ने काला पानी की सजा सुनाई थी जहां उन्हें अपनी जिंदगी के 10 साल बिताने पड़े थे।
फिल्म शहीद भारतीय स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह (Bhagat Singh) के जीवन पर आधारित है। इसे बटुकेश्वर दत्त ने लिखा है और इसे नेशनल अवार्ड सहित बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड भी मिला है।
फिल्म सरदार में लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) की भूमिका में परेश रावल ने अपने अभिनय का जलवा दिखाया है। यह फिल्म पटेल की भारत को एक करने की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करती है।
ये फिल्म मंगल पांडे (Mangal Pandey) के जीवन पर आधारित है। मंगल पांडे 1857 की क्रांति के अग्रदूत थे। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई पूरे हिन्दुस्तान के जवानों व किसानों के साथ मिलकर लड़ी थी। फिल्म में आमिर खान ने मंगल पांडे का किरदार निभाया है।
श्याम बेनेगल की द मेकिंग ऑफ महात्मा गांधी गांधीजी (Mahatma Gandhi) के जीवन को बारीकी से दर्शाती है। रजित कपूर ने गांधीजी का किरदार निभाया है और फिल्म गांधीजी की संघर्षपूर्ण यात्रा को जीवंत करती है।
ब्रिटिश राज के खिलाफ भारत के स्वतंत्रता संघर्ष (freedom struggle) की कहानी चटगांव में 18 साल से कम उम्र के बच्चों की भागीदारी को प्रदर्शित किया गया है, जो इस संघर्ष का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।
कारगिल युद्ध के बैकग्राउंड पर बनी फिल्म LOC कारगिल (LOC Kargil) में जे.पी. दत्ता ने उन सभी ऑफिसर्स को दिखाया है जिनकी बदौलत हम पाकिस्तान को खदेड़ने में सफल हो सके थे।
साल 2004 में आई फिल्म लक्ष्य (Lakshya) में 1999 कारगिल युद्ध का बैकग्राउंड रखा गया है, फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह से एक इंडियन आर्मी ऑफिसर युद्ध जीतना ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लेता है।
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