कथावाचक जया किशोरी ने बताया कि परीक्षाओं के दौर में बच्चों और माता-पिता को क्या करना चाहिए।
कथावाचक जया किशोरी ने बताया कि परीक्षाओं के दौर में बच्चों और माता-पिता को क्या करना चाहिए।
जया किशोरी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि किसी के पास वक्त नहीं है।
'सिंड्रेला हटाइए और आप बेड टाइम पर बच्चों को कृष्ण और राम की कहानी सुनाइए'
जया ने माता-पिता से सवाल किया कि वे एक्स्ट्रा करिकुलर में आध्यात्म को शामिल क्यों नहीं करते ?
'आप बच्चों को क्लासेस में भेज रहे हैं। एक क्लास शास्त्रों की भी कीजिए'
जया ने बताया कि उनके माता-पिता भी व्यस्त थे। उन्होंने वो समय देखा है कि जब सुबह खाना खाया तो शाम का पता नहीं होता।
जया ने बताया कि व्यस्त होने के बाद भी उनके माता-पिता ने उन्हें आध्यात्म से जोड़ा।
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