उज्जैन का नागचंद्रेश्वर मंदिर

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के तीसरी मंजिल में ही नागचंद्रेश्वर मंदिर है। जहां पर नागचंद्रेश्वर महादेव विराजमान है। ये एकलौता मंदिर माना जाता है जहां पर भोलेनाथ दशमुखी सर्प के आसन में शिव जी, मां पार्वती के साथ अपने पूरे परिवार के साथ विराजित है। मंदिर साल में एक बार ही खुलता है।

भीमताल का कर्कोटक नागराज मंदिर

नैनीताल जिले के भीमताल स्थित करकोटक मंदिर को भीमताल का मुकुट कहा जाता है। मंदिर नैनीताल से करीब 22 किलोमीटर की दूरी पर है।

केरल का मन्नारशाला नाग मंदिर

केरल के अलाप्पुज्हा शहर से 37 किलोमीटर दूर स्थित है। इस मंदिर का नाम मन्नारशाला नाग मंदिर है। यह मंदिर किसी आश्चर्य से कम नहीं है। यहां एक नहीं दो नहीं बल्कि 30 हजार से भी ज्यादा नाग प्रतिमाएं हैं।

जम्मू कश्मीर का शेषनाग मंदिर

वसुकि नाग मंदिर प्रयागराज

संगम तट, दारागंज के उत्तरी कोने पर प्राचीन नागवासुकी मंदिर है। इस मंदिर में नागों के राजा वासुकी नाग विराजमान हैं।