डेंगू एक विशेष प्रकार के मच्छर के काटने से होने वाली बिमारी है, जो मच्छरों द्वारा लोगों में फैलती है।

डेंगू एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। डेंगू का मच्छर साफ और रूके हुए पानी में पनपता है। इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है।

Dengue बुखार तीन तरह का होता है। साधारण डेंगू, हैमरेजिक डेंगू और डेंगू शॉक सिंड्रोम। नार्मल डेंगू तो आसानी से ठीक हो जाता है लेकिन हैमरेजिक में प्‍लेटलेट्स तेजी से कम होती है वहीं शॉक सिंड्रोम में मरीज को एडमिट रखा जाता।

डेंगू के लक्षण हल्‍के और गंभीर दोनों हो सकते हैं। संक्रमित होने के बाद डेंगू के हल्के लक्षण जैसे- सिरदर्द, बुखार, हड्डियों और जोड़ों में दर्द, वहीं गंभीर होने पर मसूड़ों या नाक से रक्तस्राव, उल्टी में खून आना, थकान बानी रहना।

डेंगू अगर बहुत गंभीर हो जाए तो जानलेवा स्थिति हो जाती है। डेंगू सीरियस होने पर मरीज की प्‍लेटलेट्स बहुत तेजी से कम होने लगती है, कई बार ऐसी स्थिति में मरीज को ICU में भर्ती करना पड़ता है।

डेंगू से बचने के लिए घरों में कूलर का पानी समय पर बदलते रहें। पीने का पानी किसी बर्तन में जमा है तो उस बर्तन को हमेशा ढककर रखें। फुल बाजू के कपड़े पहनें। सोते समय मच्छरदानी का या मॉस्किटो रेपलेंट्स का इस्तेमाल करें। घर की खिड़की और दरवाजों में जाली लगवाएं।

राष्ट्रीय डेंगू दिवस के लिए इस साल की थीम ‘डेंगू रोकथाम सुरक्षित कल के लिए हमारी जिम्मेदारी’ रखी गयी है। ऐसा इसलिए किया क्योंकि डेंगू से बचाव चाहते हैं तो आपको पहले खुद को मच्छरों से सुरक्षित रखना होगा।