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पहली शर्त : जिस घर से दूसरा कनेक्शन मांगा गया है, वहां रहने वालों की समग्र आईडी अलग-अलग होना चाहिए। यानी की जिसके नाम से पहले से बिजली का कनेक्शन है, उससे अलग आईडी कनेक्शन मांगने वाले की होना चाहिए।
गैस कनेक्शन अलग नाम से होना चाहिए। यानी एक घर में दो किचन होना चाहिए। दूसरा कनेक्शन मांगने वाला परिवार का सदस्य नहीं हो। वहीं सहायक इंजीनियर के बजाए कार्यपालन यंत्री के पास दूसरे कनेक्शन का प्रस्ताव जाएगा।
चार साल पहले सरकार ने 150 यूनिट खपत पर 300 रुपए बिजली बिल दिए जाने की योजना शुरू की थी। अब जिन घरों में खपत 150 यूनिट से ज्यादा है, वह इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे थे। 151 यूनिट होते ही उनका बिल 600 रुपए से ज्यादा आ रहा था। उन्हें सरकारी सबसिडी नहीं मिल रही थी। इस बिल से बचने के लिए दूसरा कनेक्शन लिया जाने लगा था। 200 यूनिट की खपत होने पर एक मीटर में 100 और दूसरे मीटर में 100 यूनिट का बंटवारा हो जाता था। इससे योजना के दायरे में उपभोक्ता आसानी से आ जाते थे। हालांकि दूसरे कनेक्शन की मांग को बढ़ता देख इसे बंद कर दिया था।
समग्र आईडी एक पहल है, जिसका उद्देश्य देश के सभी नागरिकों के लिए एक अद्वितीय पहचान संख्या प्रदान करना है। यह संख्या हर नागरिक को एक 12-अंकीय कोड प्रदान करती है, जो विभिन्न सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ उठाने के लिए उपयोग की जा सकती है।
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