रामनवमी पर राम मंदिर में रामलला का सूर्य तिलक किया गया।

दोपहर ठीक 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में रामलला के माथे पर सूर्य की किरणें 3 मिनट तक पड़ीं।

सूर्य तिलक के साथ ही रामलला का जन्म हो गया।

सूर्य तिलक के लिए अष्टधातु के 20 पाइप से 65 फीट लंबा सिस्टम बनाया गया। इसमें 4 लेंस और 4 मिरर के जरिए गर्भ गृह तक रामलला के मस्तक पर किरणें पहुंचाई गईं। ये आप अगली स्लाइड में देख सकते हैं।

आदित्य L-1 बनाने वाले बेंगलुरु के संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स के साइंटिस्ट ने ही रामलला का सूर्य तिलक किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रामलला का सूर्य तिलक देखा।

भारत सरकार ने ऐलान किया कि हर रामनवमी पर रामलला का इसी तरह सूर्य तिलक किया जाएगा।