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दुशान्बे. ताजिकिस्तान के दुशान्बे में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी की 14 जुलाई को मुलाकात हुई। करीब एक घंटे तक चली मुलाकात में बातचीत का फोकस वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर टकराव रहा। जयशंकर ने वांग यी से साफ कहा कि LAC की यथास्थिति में (Status Quo) एकतरफा बदलाव भारत को मंजूर नहीं है। बॉर्डर पर हालात बेहतर होने चाहिए। ये रिश्ते सुधारने के लिए बहुत जरूरी है।
भारत-चीन के बीच अप्रैल से कोई बातचीत नहीं
भारत-चीन सैन्य स्तर की बातचीत जल्द शुरू करने पर राजी हुए हैं। 11 राउंड की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अप्रैल से अब तक कोई बातचीत नहीं हुई। अब विदेश मंत्रियों की मुलाकात से एक रास्ता खुला है, क्योंकि इस वक्त हर तरफ चुनौतियां ही हैं। अफगानिस्तान में हालात बिगड़ गए हैं। इन हालात में बॉर्डर पर टकराव ठीक नहीं है।
LAC पर पुख्ता समाधान नहीं निकल रहा
15 जून 2020 को LAC पर भारत-चीन के बीच हुआ था। इस घटना को सालभर से ज्यादा हो चुका है, पर अब तक पक्का समाधान नहीं निकल रहा है। वहीं, अमेरिका के अफगानिस्तान छोड़ने से हालात बिगड़ गए। तालिबान ने मार-काट मचा दी है। तालिबान तेजी से अफगानिस्तान में पैर पसार रहा है। 85% इलाका उनके कब्जे में आ गया है। लिहाजा पड़ोसी देशों में खलबली मच गई है। इसी पर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक का फोकस था। भारत ने अपना स्टैंड क्लीयर कर दिया है।