एससीओ सम्मेलन: एस जयशंकर और चाइनीज विदेश मंत्री वांग यी की मुलाकात संभव, सीमा विवाद पर होगी चर्चा

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एससीओ सम्मेलन: एस जयशंकर और चाइनीज विदेश मंत्री वांग यी की मुलाकात संभव, सीमा विवाद पर होगी चर्चा

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की परिषद में और अफगानिस्तान पर एससीओ संपर्क समूह की बैठकों में हिस्सा लेने के लिए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर तजाकिस्तान के दुशांबे पहुंच गए हैं। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि वह 14 जुलाई को चीनी विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक कर सकते हैं।

अफगानिस्तान की सुरक्षा पर भी होगी चर्चा

भारत-चीन सीमा पर जारी गतिरोध को लेकर दोनों नेताओं के बातचीत हो सकती है। इसके अलावा दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच अफगानिस्तान में सुरक्षा के हालात पर भी चर्चा होगी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर इस बैठक में अपने चीनी समकक्ष के साथ पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर हल करने की बात पर जोर देंगे।

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री से की मुलाकात

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बीच तालिबान ने कई इलाकों पर कब्जा कर रखा है। कई जगहों से अफगान आर्मी और तालिबान के टकराव की खबरें आ रही हैं। इसी बीच दुशांबे में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ अतमर से मुलाकात की। दोनों के बीच राजनीतिक और सुरक्षा स्थिति, और शांति प्रक्रिया पर चर्चा हुई।

कट्टरपंथी दोबारा से तालिबान में

अफगान सरकार ने बयान जारी कर कहा कि विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ अतमर ने अफगान शांति प्रक्रिया में और पिछले 2 दशकों की उपलब्धियों के संरक्षण पर क्षेत्रीय सहमति को मजबूत करने में भारत की रचनात्मक भूमिका को रेखांकित किया। तालिबानी कट्टरपंथियों ने अमेरिकी सेना की वापसी के बाद अफगानिस्तान में दोबारा से पैर जमाना शुरू कर दिया है।

वैश्विक स्तर पर बढ़ी चिंता

2017 से भारत और पाकिस्तान एससीओ के स्थायी सदस्य बन गए थे। एससीओ में रूस, चीन, कजाखिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान भी शामिल हैं। यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऐसे समय में हो रही है, जब तालिबानी कट्टरपंथी अफगानिस्तान के ज्यादातर इलाकों को अपने नियंत्रण करते जा रहें हैं। इस बात ने वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है।

अफगानिस्तान विवाद
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