देश में भगवान श्रीकृष्ण के 5 बड़े मंदिर

भगवान श्रीकृष्ण की पूजा सात समंदर पार होती है और जन्माष्टमी का पर्व भाद्रपद मास की कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।

इस पावन तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े तीर्थ स्थानों पर जाकर दर्शन करने का बहुत महत्व है।

मथुरा में स्थित द्वारकाधीश मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की काले रंग की प्रतिमा की पूजा की जाती है, जो यमुना नदी के तट पर एक जेल की कोठरी में स्थित है।

वृंदावन में इस्कॉन मंदिर, प्रेम मंदिर, और बांके बिहारी मंदिर भी दर्शनीय हैं, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने बचपन में रासलीला की थी।

गुजरात में स्थित द्वारकाधीश मंदिर को सबसे प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर माना गया है, जिसे जगत मंदिर भी कहा जाता है और यह गोमती क्रीक पर स्थित है।

पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान हैं, और यहां रथ यात्रा के दौरान विशेष रौनक होती है।

कर्नाटक के उडुपी में स्थित श्री कृष्ण मठ मंदिर 13वीं सदी में वैष्णव संत श्री माधवाचार्य द्वारा स्थापित किया गया था।

उडुपी श्री कृष्ण मठ मंदिर की खिड़की के नौ छिद्रों से भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन होते हैं, जिसे चमत्कारी खिड़की कहा जाता है।

इन सभी मंदिरों में जन्माष्टमी के दिन विशेष पूजा-अर्चना और उत्सव का आयोजन होता है, जो भक्तों के लिए एक अनूठा अनुभव होता है।