{{ primary_category.name }}
Read Full Story
केंद्र सरकार ने 2024-25 में 4820 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का बजट अनुमान बनाया है।
Read Full Story
सरकार को इस खर्च के लिए 3129 लाख करोड़ रुपये टैक्स से मिलेंगे, जबकि बाकी 16.13 लाख करोड़ रुपये उधार लेने की योजना है।
Read Full Story
सरकार के खर्च का एक बड़ा हिस्सा उधारी पर लगे ब्याज को चुकाने में ही चला जाता है।
Read Full Story
सरकार के हर 1 रुपये की कमाई में 27 पैसा उधारी से, 19 पैसा इनकम टैक्स से, 18 पैसा जीएसटी से और 17 पैसा कॉर्पोरेशन टैक्स से आता है।
Read Full Story
इसके अलावा, 9 पैसा नॉन-टैक्स रेवेन्यू से, 5 पैसा एक्साइज ड्यूटी से, 4 पैसा कस्टम ड्यूटी से और 1 पैसा नॉन-डेट रिसीट से मिलता है।
Read Full Story
सरकार के हर 1 रुपये के खर्च में 19 पैसा ब्याज चुकाने में, 21 पैसा राज्यों को टैक्स और ड्यूटी में, 16 पैसा केंद्र और 8 पैसा केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं में खर्च होता है।
Read Full Story
इसके अलावा, 8 पैसा रक्षा, 6 पैसा सब्सिडी, 4 पैसा पेंशन और बाकी 18 पैसा अन्य खर्चों में लगता है।
Read Full Story
सरकार देसी कर्ज (बीमा कंपनियों, कॉर्पोरेट कंपनियों, आरबीआई और बैंकों से) और सार्वजनिक कर्ज (ट्रेजरी बिल, गोल्ड बॉन्ड, स्मॉल सेविंग स्कीम) के माध्यम से उधार लेती है।
Read Full Story
31 मार्च 2024 तक केंद्र सरकार पर 16872 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज था, जिसमें से 163.35 लाख करोड़ इंटरनल डेट और 5.37 लाख करोड़ बाहरी कर्ज था।
Read Full Story
भारत पर कुल कर्ज जीडीपी का 81% है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों का कर्ज शामिल है। कोरोना महामारी के दौरान यह कर्ज 89% तक बढ़ गया था।
Read Full Story
{{ primary_category.name }}