सुकन्या समृद्धि योजना में हो गया बड़ा बदलाव, इस कारण से बंद हो जाएंगे कई खाते

सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है, जो 1 अक्टूबर से लागू होंगे।

अब केवल कानूनी अभिभावक या प्राकृतिक माता-पिता ही सुकन्या समृद्धि खाते खोल और प्रबंधित कर सकते हैं; दादा-दादी या नाना-नानी द्वारा खोले गए खातों को ट्रांसफर कराना अनिवार्य होगा।

नए नियमों के तहत, यदि किसी परिवार में दो से अधिक सुकन्या समृद्धि खाते खोले गए हैं, तो अतिरिक्त खातों को बंद कर दिया जाएगा।

सुकन्या समृद्धि योजना का उद्देश्य बेटियों की शिक्षा और शादी के लिए वित्तीय सुरक्षा देना है, ताकि वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र बन सकें।

इस योजना में खाते बेटी के जन्म के समय से लेकर 10 साल की उम्र तक ही खोले जा सकते हैं और एक परिवार में अधिकतम दो बेटियों के लिए खाते खोले जा सकते हैं।

न्यूनतम जमा राशि 250 रुपए प्रति वर्ष और अधिकतम जमा राशि 15 लाख रुपए प्रति वर्ष है।

इस योजना पर सरकार समय-समय पर ब्याज दर तय करती है, जो अन्य बचत योजनाओं की तुलना में अधिक होती है; वर्तमान में यह दर 8% है।

खाता खोलने के लिए जरूरी दस्तावेजों में बेटी का जन्म प्रमाण पत्र, पैन कार्ड, और माता-पिता या कानूनी अभिभावक का पहचान पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड) शामिल हैं।

खाता खोलने की तारीख से 15 साल तक इसमें धनराशि जमा की जा सकती है और खाता 21 साल की अवधि पूरी होने पर मैच्योर होता है।

योजना के तहत नॉमिनेशन भी अनिवार्य है, जिसमें एक या अधिक व्यक्तियों को नामित किया जा सकता है, लेकिन चार से अधिक लोगों को नामित नहीं किया जा सकता।