सुकन्या समृद्धि योजना में हो गया बड़ा बदलाव, इस कारण से बंद हो जाएंगे कई खाते

सुकन्या समृद्धि योजना के नए नियमों में बड़े बदलाव किए गए हैं। यदि आप भी सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करने वाले हैं तो उसके पहले सरकार द्वारा किए गए इस बदलाव के बारे में जानकारी हासिल कर लें। आइए जानते हैं...

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Pratibha ranaa
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सुकन्या समृद्धि योजना
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बेटियों के लिए लोकप्रिय सरकारी योजना सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। नए नियमों के तहत जो अकाउंट कानूनी अभिभावकों (लीगल गार्जियन) या नैचुरल माता-पिता ने नहीं खोले थे, उन अकाउंट्स को जारी रखने के लिए अब गार्जियनशिप को ट्रांसफर कराना होगा। सुकन्या समृद्धि योजना में ये नए नियम 1 अक्टूबर से लागू होंगे।

नए नियम

दादा-दादी द्वारा खोले गए खाते

अब दादा-दादी या नाना- नानी द्वारा खोले गए सुकन्या समृद्धि खातों को योजना के मूल दिशा- निर्देशों के तहत कानूनी अभिभावक या प्राकृतिक माता-पिता के नाम पर ट्रांसफर करना अनिवार्य होगा। पहले दादा-दादी द्वारा पोतियों के लिए खाते खोलना एक सामान्य प्रथा थी, लेकिन नए नियमों के अनुसार, केवल कानूनी अभिभावक या प्राकृतिक माता-पिता ही खाते खोल और प्रबंधित कर सकते हैं।

बंद होंगे अतिरिक्त खाते

अगर किसी परिवार में दो से अधिक सुकन्या समृद्धि खाते खोले गए हैं, तो नए नियमों के अनुसार, अतिरिक्त खातों को बंद कर दिया जाएगा। इस बदलाव का उद्देश्य योजना के दिशानिर्देशों को अधिक सख्ती से लागू करना और खातों के प्रबंधन में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकना है। यह सुनिश्चित करता है कि केवल वे ही लोग, जो बेटियों के कानूनी अभिभावक हैं, इस योजना का लाभ उठा सकें।

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योजना के बारे में जानिए...

सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) भारत सरकार की एक बचत योजना है, जिसे विशेष रूप से बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। यह योजना 22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत शुरू की गई थी।

उद्देश्य

सुकन्या समृद्धि योजना का मुख्य उद्देश्य बेटियों की शिक्षा और शादी के लिए वित्तीय सुरक्षा देना है, ताकि वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र बन सकें और उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिले।

खाता खोलने की पात्रता

  • यह खाता केवल एक बेटी के लिए खोला जा सकता है और एक परिवार में अधिकतम दो बेटियों के लिए खाते खोले जा सकते हैं। अगर जुड़वां बेटियां हैं या तीसरी बेटी है तो तीसरे खाते की अनुमति दी जा सकती है।
  • खाता बेटी के जन्म के समय से लेकर 10 साल की उम्र तक ही खोला जा सकता है।

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न्यूनतम और अधिकतम जमा राशि

  • न्यूनतम जमा राशि 250 प्रति वर्ष है।
  • अधिकतम जमा राशि 1.5 लाख प्रति वर्ष है।

ब्याज दर

इस योजना पर सरकार समय-समय पर ब्याज दर तय करती है। यह दर अन्य बचत योजनाओं की तुलना में अधिक होती है।

जरूरी दस्तावेज

बेटी का जन्म प्रमाण पत्र

यह दस्तावेज़ बेटी की उम्र को प्रमाणित करने के लिए आवश्यक है। इसमें बेटी का नाम, जन्म की तारीख और जन्म स्थान की जानकारी होनी चाहिए। बेटी का पैन कार्ड भी जरूरी है। नॉमिनेशन भी अनिवार्य है, जो एक या अधिक व्यक्तियों के लिए किया जा सकता है, लेकिन चार से अधिक लोगों को नामित नहीं किया जा सकता।

यह खाता न्यूनतम 250 रुपए से खोला जा सकता है और प्रति वित्तीय वर्ष इसमें अधिकतम 1,50,000 रुपए तक जमा किए जा सकते हैं। खाता खोलने की तारीख से 15 साल तक इसमें धनराशि जमा की जा सकती है। खाता 21 साल की अवधि पूरी होने पर मैच्योर होता है।

माता-पिता या कानूनी अभिभावक का पहचान पत्र

  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • पासपोर्ट
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • वोटर आईडी कार्ड

pratibha rana

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