तिरुपति मंदिर लड्डू विवाद मामले में सीएम नायडू को SC की फटकार

तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू प्रसाद को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है, और इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को फटकार लगाते हुए कहा कि उन्होंने जुलाई में आई रिपोर्ट पर दो महीने बाद बयान क्यों दिया।

कोर्ट ने नायडू से सवाल किया कि उन्होंने 26 सितंबर को SIT बनाई लेकिन बयान उससे पहले ही क्यों दिया।

कोर्ट ने नायडू को याद दिलाया कि वे संवैधानिक पद पर हैं और उन्हें SIT के निष्कर्ष का इंतजार करना चाहिए था।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन शामिल थे, ने मामले की सुनवाई की और अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को निर्धारित की।

विवाद में आरोप है कि तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू प्रसाद में बीफ और सूअर की चर्बी मिली है।

नायडू ने 19 सितंबर 2024 को दावा किया था कि तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलाई गई थी और इसके लिए उन्होंने पूर्ववर्ती YSRCP सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

राज्य सरकार के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कोर्ट में कहा कि 50 साल से कर्नाटक के कोऑपरेटिव नंदिनी से घी लिया जा रहा था, जिसे पिछली सरकार ने बदल दिया था।

इस विवाद ने मध्य प्रदेश तक भी आंच पहुंचाई है, जहां पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने बाबा महाकाल के प्रसाद की जांच की मांग की है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तीखे सवाल उठाते हुए कहा कि भगवान को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए।