तिरुपति लड्डू विवाद को लेकर आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि जुलाई में आई रिपोर्ट पर दो महीने बाद बयान क्यों दिया। ईश्वर को तो राजनीति से दूर रखते। कोर्ट ने कहा कि आपने 26 सितंबर को SIT बनाई लेकिन बयान उससे पहले ही दे दिया है क्यों ? कोर्ट ने आगे कहा है कि आप राज्य के मुख्यमंत्री है और संवैधानिक पद पर हैं। आपको SIT के निष्कर्ष का इंतजार करना चाहिए था।
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लड्डू प्रसादम विवाद की SC में सुनवाई
विश्व की प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर (Tirupati Balaji Temple ) के लड्डू प्रसादम में बीफ और सूअर की चर्बी को लेकर आज सोमवार ( 30 सितंबर ) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) में सुनवाई हुई। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने तिरुपति लड्डू विवाद मामले पर सुनवाई की। मामले में अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी।
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रिपोर्ट आने के बाद बयान क्यों : SC
जस्टिस विश्वनाथन ( Justice Vishwanathan ) ने कहा कि जुलाई में आई रिपोर्ट पर 2 महीने बाद बयान दिया गया। जब आप निश्चित नहीं थे कि सैंपल किस घी का लिया गया तो बयान क्यों दिया? राज्य सरकार के लिए ही पेश हुए वकील सिद्धार्थ लूथरा ( Siddharth Luthra ) ने कहा कि 50 साल से कर्नाटक के कोऑपरेटिव नंदिनी से घी लिया जा रहा था। पिछली सरकार ने इसे बदल दिया।
सीएम नायडू ने किया था प्रसादम का खुलासा
आपको बता दें कि 19 सितंबर 2024 को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) ने तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू प्रसादम में जानवरों की चर्बी मिलाने का दावा किया था। सीएम ने पूर्ववर्ती YSRCP सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उन लोगों के सरकार में तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी इस्तेमाल होती थी। सीएम नायडू ने पूर्ववर्ती YSRCP सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व सरकार में तिरुपति मंदिर (Tirupati Temple ) के प्रसाद में जानवरों की चर्बी इस्तेमाल होती थी।
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