इन परम्पराओं के साथ मनाते हैं बस्तर गोंचा पर्व

बस्तर में गोंचा पर्व को मनाने का इतिहास 1400 साल पुराना है।

रथ परिक्रमा के दौरान भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा, और बलभद्र रथ पर भ्रमण करते हैं।

गोंचा पर्व में रथ को तुपकी से सलामी दी जाती है।

इस पर्व में रथ परिक्रमा, चंदन जात्रा, तुपकी की रस्म, और अनसर काल प्रमुख आयोजन हैं।

गोंचा पर्व में तुपकी की रस्म का भी विशेष महत्व है।

बस्तर में गोंचा पर्व को बड़े उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है।

इस पर्व को देखने के लिए विदेशी पर्यटक भी बस्तर आते हैं।

इस पर्व का इतिहास ओडिशा के जगन्नाथपुरी से जुड़ा है। बस्तर के राजा द्वारा इस परंपरा को बस्तर में लाया गया।