इंदौर कलेक्ट्रेट के कौन से SDM, तहसीलदार काम के मामले में है डी और सी ग्रेड में

मध्य प्रदेश में राजस्व महाअभियान शुरू हो गया है, जिसमें 45 दिनों में अधिक से अधिक मामलों का निराकरण किया जाना है।

इंदौर में कई एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार का काम डी और सी ग्रेड में आंका गया है, जो निराकरण के मामले में बेहद पीछे हैं।

इंदौर के पांच अपर कलेक्टर स्तर के अधिकारियों में से चार का निराकरण प्रतिशत 50 फीसदी से अधिक है, जबकि राजेंद्र रघुवंशी का निराकरण प्रतिशत मात्र 38 फीसदी है।

सपना लोवंशी का निराकरण प्रतिशत सबसे अधिक 76 फीसदी है, जबकि गौरव बैनल, रोशन राय और निशा डामोर का भी संतोषजनक है।

इंदौर के 10 एसडीएम/एसडीओ (उपखंड अधिकारी) के निराकरण प्रतिशत 50 फीसदी से नीचे है, जिसमें सबसे कम गोपाल वर्मा (29 फीसदी) का है।

सबसे अच्छे एसडीएम धनराज धनगर (6630 फीसदी) और निधि वर्मा (62 फीसदी) हैं।

तहसीलदार और नायब तहसीलदारों में डी और सी ग्रेड में शामिल अधिकारियों की सूची दी गई है, जिनका निराकरण प्रतिशत भी कम है।

सीमांकन, बंटाकन जैसे राजस्व कार्यों में भी अधिकारियों का निराकरण प्रतिशत बहुत कम है, जिसमें विवादित नामांतरण में 60 फीसदी और अविवादित बटांकन में मात्र 49 फीसदी है।

कुल 29 तहसीलदार और नायब तहसीलदारों में 7 का निराकरण प्रतिशत 50 फीसदी से कम है।

सीमांकन के काम में भी केवल 50 फीसदी निराकरण है, जिसमें 17 तहसीलदार और नायब तहसीलदार 50 फीसदी से कम पर हैं।