{{ primary_category.name }}
Read Full Story
उज्जैन के नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट आज रात 12 बजे खुलेंगे, जो साल में सिर्फ एक बार नागपंचमी के दिन खुलता है।
Read Full Story
यह मंदिर केवल 24 घंटे के लिए दर्शनार्थियों के लिए खुला रहेगा, जिसमें लाखों श्रद्धालु भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन करेंगे।
Read Full Story
नागपंचमी पर्व भगवान नागचंद्रेश्वर के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है और इस दिन मंदिर के दर्शन से कुंडली में मौजूद कालसर्प दोष खत्म होने की मान्यता है।
Read Full Story
महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य शिखर के तीसरे खंड में स्थित यह मंदिर 11वीं शताब्दी की प्रतिमा को समर्पित है, जिसमें शिव और पार्वती नाग के आसन पर विराजित हैं।
Read Full Story
मंदिर में भगवान शिव, देवी पार्वती, भगवान गणेश, सप्तमुखी नाग देवता और उनके वाहन नंदी और सिंह की प्रतिमाएं भी हैं।
Read Full Story
मंदिर का इतिहास 1050 ईस्वी का है, जब परमार राजा भोज ने इसका निर्माण करवाया था और 1732 में महाराज राणोजी सिंधिया ने इसका जीर्णोद्धार करवाया था।
Read Full Story
मंदिर की विशेषता है कि यह साल में केवल नागपंचमी के दिन ही खुलता है, बाकी समय बंद रहता है।
Read Full Story
नागचंद्रेश्वर मंदिर का नाम नाग और चंद्रमा के संयोग को दर्शाता है, जो हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
Read Full Story
इस मंदिर के बारे में कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं, जिनमें मान्यता है कि भगवान शिव ने नागराज तक्षक को शरण दी थी।
Read Full Story
मंदिर का निर्माण वास्तु शास्त्र के अनुरूप किया गया है, जिससे इसे खास आध्यात्मिक महत्व प्राप्त होता है।
Read Full Story
{{ primary_category.name }}