शिवम दुबे, DURG. छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस हमेशा अपने तौर-तरीकों को लेकर चर्चा में रहती है। इस बार फिर दुर्ग पुलिस एक खास तरह का जैकेट ट्रैफिक के लिए इस्तेमाल करने वाली है। माना जा रहा है कि इस जैकेट के माध्यम से यातायात व्यवस्था और ज्यादा दुरुस्त हो जाएगी। सोमवार रात दुर्ग पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने भी इस जैकेट का परीक्षण किया है। जैकेट की खास बात ये है कि ये सिग्नल से कनेक्ट हो जाता है। उसी के हिसाब से लाइट लाल और हरी होती है।
नियमों की अनदेखी होगी कम
दुर्ग के पटेल चौक में पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ये जैकेट और हैट लगाकर बताओ ट्रैफिक जवान के रूप में दिखाई दिए। इतना ही नहीं अभिषेक पल्लव ने चौकी यातायात व्यवस्था को भी बहाल किया। पल्लव का कहना है कि लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए जैकेट काम आएगी और इससे नियमों की भी अनदेखी कम होगी।
BTI कॉलेज के प्रोफेसर श्रीनिवास ने बनाया जैकेट
बीटीआई कॉलेज के इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट के प्रोफेसर श्रीनिवास ने इस जैकेट को तैयार किया है। वहीं इस जैकेट और हैट को बनाने में महज 3 दिन का समय लगा है। अगर जैकेट की लागत की बात की जाए तो इसे बनाने में 8 हजार रुपए का खर्च आया है।
जवानों को प्रोटेक्शन देगा जैकेट
दुर्ग शहर पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने इस जैकेट को पहनकर चौक में यातायात व्यवस्था को बहाल किया इसके साथ ही परीक्षण भी किया। अभिषेक पल्लव का कहना है कि ये जैकेट यातायात के जवानों को बाकायदा प्रोटेक्शन देगा, उन्हें और ज्यादा सुरक्षित महसूस कराएगा। साथ ही, लोगों के लिए अवेयरनेस का काम भी करेगा। शुरुआती दौर में इसका मात्र परीक्षण ही किया गया है यदि ये सफल होगा। तो सभी चौक चौराहे मे इसे नियमित रूप से लागू भी किया जाएगा।
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कैसे काम करता है ये अनोखा जैकेट ?
प्रोफेसर श्रीनिवास ने बताया कि ट्रांसमीटर और रिसीवर के माध्यम से ये जैकेट अपने आप सिग्नल से कनेक्ट हो जाता है और रंग सिग्नल के अनुसार ही बदलता रहता है। जब सिग्नल रुकने का लाल रंग दिखाएगा तब ये जैकेट लाल रंग ही दिखाएगा। इसी तरह से हैट में भी रिसीवर लगाया गया है। जो कि ट्रांसमीटर के हिसाब से सिग्नल देता रहेगा।