RAIPUR/BILASPUR. छत्तीसगढ़ का मौसम अचानक बदल गया है। रायपुर समेत कई शहरों में बादल-कोहरे के बीच हल्की बारिश भी हुई। इसका असर सफर करने वालों पर भी पड़ा। मौसम खराब होने के कारण एयर इंडिया की फ्लाइट को लैंडिंग की अनुमति नहीं मिली। दरअसल, एयर इंडिया की फ्लाइट ने सुबह 9.50 बजे मुंबई से उड़ान भरी थी। 11.30 बजे रायपुर स्थित स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर लैंड करना था। यहां मौसम खराब होने के कारण लैंडिंग की अनुमति नहीं मिल गई। इस वजह से फ्लाइट को नागपुर ले जाया गया। वहीं अहमदाबाद से उड़ान भरी इंडिगो की फ्लाइट को भी भुनेश्वर डायवर्ट किया गया है। वहीं, कोहरा व मरम्मत कार्य के चलते आज बिलासपुर पहुंचने वाली कई ट्रेनें दो से छह घंटे विलंब रही। इसके अलावा कई ट्रेनों को रद्द भी किया गया है।
बिलासपुर आने वाली शिवनाथ एक्सप्रेस छह घंटे विलंब से पहुंची
बता दें कि ट्रेनों की लेटलतीफी बिलासपुर रेलवे स्टेशन में तीन से चार महीने से इसी तरह है। पर अब मरम्मत व कोहरे के कारण ट्रेनों का परिचालन प्रभावित होने लगा है। बुधवार को हावड़ा से चलकर पुणे जाने वाली आजाद हिंद एक्सप्रेस चार घंटे देरी से बिलासपुर रेलवे स्टेशन पहुंची। इस ट्रेन का बिलासपुर पहुंचने का समय सुबह नौ बजे है। इसी तरह योग नगरी ऋषिकेश से पुरी जाने वाली उत्कल एक्सप्रेस तीन घंटे 45 मिनट, इतवारी से बिलासपुर आने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस दो घंटे और इतवारी से बिलासपुर आने वाली शिवनाथ एक्सप्रेस छह घंटे विलंब से पहुंची।
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ट्रेन को रीशेड्यूल किया गया
इसी तरह रायगढ़ से निजामुद्दीन जाने वाली गोंडवाना एक्सप्रेस छह घंटे विलंब से रवाना हुई। इस ट्रेन को रीशेड्यूल किया गया। इसी तरह मुंबई से हावड़ा जाने वाली दूरंतो एक्सप्रेस दो घंटे और छपरा- दुर्ग सारनाथ एक्सप्रेस तीन घंटे 30 मिनट की देरी से बिलासपुर रेलवे स्टेशन पहुंची। भोपाल /दुर्ग अमरकंटक एक्सप्रेस और पुणे - हावड़ा आजाद हिंद एक्सप्रेस तीन तीन घंटे 30 मिनट देरी से बिलासपुर रेलवे स्टेशन में पहुंचने की उम्मीद है।
जो ट्रेनें देर से स्टेशन पहुंचीं हैं, वे विलंब से रवाना भी होंगी
रेलवे के अनुसार जो ट्रेन है बुधवार को विलंब पहुंची है वह वापसी में भी प्रारंभिक स्टेशन से देरी से ही रवाना होगी। समय पर ट्रेन नहीं पहुंचने के कारण उस ट्रेन की रैक की सफाई व मरम्मत में समय लगता है। कोचिंग डिपो में कम से कम पांच से छह घंटा घंटे के बाद मरम्मत का कार्य पूरा होता है। इसके बाद ही ट्रेन परिचालन की स्थिति में आती है । लिहाजा यात्रियों को फिलहाल ट्रेनों की लेटलतीफी की समस्या से छुटकारा नहीं मिलने वाला है उन्हें अभी इसका सामना करना पड़ेगा।