शिवम दुबे, Raipur. छत्तीसगढ़ में नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति फिर एक बार छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ बड़ा मोर्चा खोल सकती है। समिति के अध्यक्ष रूपम चंद्राकर कृषक उन्नत सम्मान लौटाने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं। रूपम चंद्राकर अपने सम्मान को लेकर रायपुर के कांग्रेस भवन पहुंचे यहां मोहन मरकाम को वो अपना सम्मान वापस करने वाले थे लेकिन प्रदेश अध्यक्ष के ना होने के कारण वह सम्मान नहीं लौटा पाए।
सम्मान लौटने एक समय तक ही करेंगे इंतेजार
रूपम चंद्राकर का कहना है कि मोहन मरकाम मौजूद नहीं थे इस कारण सम्मान वापस नहीं किया गया है। एक समय यानी 2-3 दिन इंतेजार करेंगे। सरकार से सवाल पूछते हुए रूपम चंद्राकर ने कहा कि एक तरफ राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा निकाली। जिससे देश भर के किसान एक हो सके। वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ सरकार को किसानों को न्याय देने में क्या तकलीफ?
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भूपेश बघेल ने किया था सम्मनित
नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपम चंद्राकर अवॉर्ड लौटाएंगे। रूपम चंद्राकर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम को उन्नत कृषक सम्मान लौटाने की घोषणा कर चुके हैं। अविभाजित मध्यप्रदेश के दिवंगत पूर्व सीएम श्यामाचरण शुक्ल के नाम से उनको दिया गया था। रूपम चंद्राकोर को ये पुरस्कार तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने साल 2015 में दिया था। ये अवार्ड रायपुर शहर और जिला कांग्रेस समिति की ओर से दिया गया था।
पिछले साल 3 जनवरी से आंदोलनरत हैं किसान
पिछले साल 3 जनवरी 2022 से नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति सरकार के खिलाफ 6 मांगों को लेकर आंदोलनरत है। समय-समय पर ये समिति छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलती रहती है। गुरुवार 26 जनवरी को भी समिति ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया। समिति का कहना है कि ट्रैक्टर रैली के माध्यम से शासन-प्रशासन के साथ-साथ केंद्र सरकार तक आवाज पहुंचा रहे हैं।
क्या है पूरा मामला ?
छत्तीसगढ़ सरकार के तत्कालीन सीएम दिवंगत अजीत जोगी ने साल 2002 में नया रायपुर बनाने के लिए पौता गांव में सोनिया गांधी से शिलान्यास कराया था। पौता के आसपास के 61 गांव को इस प्लान में रखा गया था। साल 2003 के विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद BJP की सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार के प्लान में कई बदलाव किए। 2005 में बीजेपी पार्टी की सरकार ने नया रायपुर के लिए राखी गांव में फिर से शिलान्यास कराया। नया रायपुर के लिए बनाए गए इस प्लान में कुल 41 गांव को लिया गया। इस परियोजना के लिए कुल 27 गांव में जमीन की खरीदी बिक्री पर रोक लगाई गई।
क्या है किसानों की मांग?
अगर किसानों की मांग की बात की जाए तो नवा रायपुर में 2005 से स्वतंत्र भू क्रय-विक्रय पर लगे प्रतिबंध को तत्काल हटाने की मांग है। इसके साथ ग्रामीण बसाहट का पट्टा, 1200 वर्गफीट विकसित आवासीय भूखंड 18 साल और उससे ज्यादा उम्र के भूमिहीन वयस्कों को मिले, आपसी सहमति से क्रय एवं भू-अर्जन अधिनियम 1894 के तहत अर्जित भूमियों के अनुपात में पात्रतानुसार निश्शुल्क भूखंड आवंटित करने, सभी अर्जित भूमियों पर वार्षिकी राशि का भुगतान तत्काल प्रभाव से बिना कटौती दिया जाए की मांग के साथ साथ 2 अन्य मांग भी शामिल हैं।