BILASPUR. छत्तीसगढ़ में 130 की स्पीड से चलने वाली वंदे भारत ट्रेन पर पत्थरबाजी की घटनाएं लगातार हो रही हैं। अब आरपीएफ के जवानों ने पत्थरबाजों पर कार्रवाई की मुहिम तेज कर दी है। बिलासपुर से नागपुर तक और रायपुर से लेकर दुर्ग तक, जहां-जहां आरपीएफ के पोस्ट हैं। वहां जवान आसपास के इलाकों में पटरियों के किनारे बसी बस्तियों में पत्थरबाजों की तलाश कर रहे हैं। कार्रवाई के दौरान लोगों को समझाइश दे रहे हैं कि वे पत्थरबाजी नहीं करें और न किसी को करने दें। ये एक दंडनीय अपराध है।
इंद्रपुरी और अन्य बस्तियों में बांटे गए पंपलेट
आपको बता दें कि जोन के तीनों डिवीजन में नागपुर से बिलासपुर तक आरपीएफ ने मुहिम चला रखी है। क्योंकि इसी रूट पर सप्ताह के छह दिन वंदे भारत ट्रेन दोनों ओर से चलती है। यहां ट्रेन पर पत्थरबाजी हो चुकी हैं। बिलासपुर आरपीएफ की टीम 3 फरवरी, शुक्रवार को रेलवे ट्रैक से लगे मोहल्ले इंद्रपुरी व आसपास की बस्तियों में पहुंची। यहां लोगों को जागरुकता और समझाइश लिखे पंपलेट बांटे। साथ ही बताया कि यह ट्रेन देश व छत्तीसगढ़ का गौरव है। इसे नुकसान न पहुंचाएं। यदि कोई ऐसी कोशिश करते दिख जाए तो तत्काल आपात स्थिति में 139 नंबर पर डायल करके इसकी सूचना दी जा सकती है।
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पत्थरबाजों को हो सकती है पांच साल की कैद
आरपीएफ ने लोगों को बताया कि चलती ट्रेन में पत्थर मारना रेलवे अधिनियम की धारा 153 व 154 के तहत गंभीर व दंडनीय अपराध है। इसमें पांच वर्ष तक की सजा का भी प्रावधान है। पत्थर मारने वाले ये न सोचें कि वे बच निकलेंगे। इस ट्रेन के सभी कोच में कैमरे लगे हुए हैं। यदि कोई पत्थरबाजी करता है तो तत्काल पकड़ में आ जाएगा। इसके बाद आरपीएफ उनके खिलाफ रेलवे अधिनियम के तहत कार्रवाई करेगी।
कामठी में पकड़े जा चुके हैं छह नाबालिग
वंदे भारत में पत्थरबाजी के मामले में आरपीएफ को सफलता भी मिल चुकी है। पिछले दिनों नागपुर रेल मंडल के कामठी स्टेशन के पास से छह नाबालिगों को इस मामले में पकड़ा गया था। सभी बच्चे थे, लिहाजा उन्हें समझाइश देकर छोड़ा गया है। लेकिन इसके बाद भी ये मामला थमा नहीं है और भिलाई समेत कई अन्य जगहों पर पत्थरबाजी की कई घटनाएं हो चुकी हैं।