कांकेर में 29 जनवरी तक लहराता रहा तिरंगा, राजधानी तक मचा हड़कंप, अफसरों ने ससम्मान उतारा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को नोटिस

author-image
The Sootr CG
एडिट
New Update
कांकेर में 29 जनवरी तक लहराता रहा तिरंगा, राजधानी तक मचा हड़कंप, अफसरों ने ससम्मान उतारा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को नोटिस

KANKER. कांकेर में तिरंगे के अपमान का मामला सामने आया है,​ जिसके बाद ​महिला एवं बाल विकास विभाग के जिले से लेकर राजधानी स्तर के अफसरों में हड़कंप मच गया। दरअसल, चारामा के एक आंगनबाड़ी केंद्र में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर फहराया गया था। तिरंगा 29 जनवरी तक लगातार लहराता रहा और किसी ने उतारने पर ध्यान नहीं दिया। आखिरकार सोशल मीडिया पर यह मामला उजागर हुआ। इसके बाद अफसरों ने जाकर झंडे को उतरवाया और आंगनबाड़ी केंद्र को नोटिस दिया। 



चारामा ब्लॉक के आंवरी गांव का है मामला



आपको बता दें कि राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को फहराने को लेकर सख्त कानून है। उद्देश्य यही कि ध्वज को ससम्मान फहराया जाए। इसमें शाम को तिरंगे को उतारने का नियम भी है। इसके विपरीत कांकेर जिले के चारामा ब्लॉक के आंवरी गांव में आंगनबाड़ी में ऐसा नहीं किया गया। यहां भी गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी को अतिथियों और बच्चों की की उपस्थिति में ध्वजारोहण किया गया था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका गणतंत्र दिवस समारोह संपन्न होने के बाद ताला लगाकर अपने घर चली गईं और ध्वज फहराता रहा।



ये खबर भी पढ़ें...






सोशल मीडिया पर उजागर हुआ मामला



27 जनवरी की सुबह भी किसी ने ध्वज उतारने को लेकर ध्यान नहीं दिया। इसी तरह चार दिनों तक चलता रहा। इसी दौरान किसी ने कार्यक्रम का फोटो खींच लिया और वीडियो भी बना लिया। बाद में सोशल मीडिया पर ये मामला उजागर हुआ। इसी दौरान इसकी जानकारी जिला मुख्यालय से लेकर राजधानी रायपुर के महिला एवं बाल विकास विभाग के अफसरों तक को हुई। उन्होंने अधीनस्थ अफसरों को तत्काल एक्शन लेने और मौके पर जाने को कहा। तब रविवार को अवकाश के दिन अफसर गांव पहुंचे और ध्वज को ससम्मान उतारा। इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।



तिरंगा फहराने और उतारने के नियम




  • जब भी तिरंगा फहराया जाए तो उसे सम्मानपूर्ण स्थान दिया जाए। उसे ऐसी जगह लगाया जाए, जहां से वह स्पष्ट रूप से दिखाई दे।


  • सरकारी भवन पर तिरंगा रविवार और अन्य छुट्‍टियों के दिनों में भी सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जाता है, विशेष अवसरों पर इसे रात को भी फहराया जा सकता है।

  • तिरंगे को सदा स्फूर्ति से फहराया जाए और धीरे-धीरे आदर के साथ उतारा जाए। फहराते और उतारते समय बिगुल बजाया जाता है तो इस बात का ध्यान रखा जाए कि तिरंगे को बिगुल की आवाज के साथ ही फहराया और उतारा जाए।

  • तिरंगे का प्रदर्शन सभा मंच पर किया जाता है तो उसे इस प्रकार फहराया जाएगा कि जब वक्ता का मुंह श्रोताओं की ओर हो तो तिरंगा उनके दाहिने ओर हो।

  • जब तिरंगा किसी भवन की खिड़की, बालकनी या अगले हिस्से से आड़ा या तिरछा फहराया जाए तो भी तिरंगे को बिगुल की आवाज के साथ ही फहराया और उतारा जाए।

  • तिरंगा किसी अधिकारी की गाड़ी पर लगाया जाए तो उसे सामने की ओर बीचों-बीच या कार के दाईं ओर लगाया जाए।




    • फटा या मैला तिरंगा नहीं फहराया जाता है। जब तिरंगा फट जाए या मैला हो जाए तो उसे एकांत में पूरा नष्ट किया जाए।


  • तिरंगा केवल राष्ट्रीय शोक के अवसर पर ही आधा झुका रहता है।

  • किसी दूसरे झंडे या पताका को राष्ट्रीय तिरंगे से ऊंचा या ऊपर नहीं लगाया जाएगा, न ही बराबर में रखा जाएगा।




    • तिरंगे पर कुछ भी लिखा या छपा नहीं होना चाहिए।



    CG News सीजी न्यूज tricolor kept waving in Kanker till 29 stir till capital officers paid respect notice to Anganwadi worker कांकेर में 29 तक लहराता रहा तिरंगा राजधानी तक मचा हड़कंप अफसरों ने ससम्मान उतारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को नोटिस