मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल जहां सीएम समेत तमाम नेता मंत्री बैठते हैं... बड़े-बड़े अफसर बैठते हैं... जहां आम लोगों की परेशानियों का हल निकालने की नीतियां बनती हैं... वहीं आम आदमी को न्याय के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है... सरकारी सिस्टम में बैठे अधिकारी जिन पर जनता के दुख दर्द दूर करने की जिम्मेदारी वही अफसर लोगों की मदद करने के बजाय उन्हें परेशानी में डाल रहे हैं... यानी दीया तले अंधेरा... नेताओं के करीबियों और रसूखदारों के दबाव में ये अफसर कार्रवाई नहीं करते... मामला निजी और सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे से जुड़ा है...