महामारी का 2 साल, तीन लहर आ चुकीं, चौथी सिर पर, दिल्ली में बढ़े केस, जानें सब

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Atul Tiwari
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महामारी का 2 साल, तीन लहर आ चुकीं, चौथी सिर पर, दिल्ली में बढ़े केस, जानें सब

New Delhi. देश में एक बार फिर कोरोना पैर पसार रहा है। देश में 17 अप्रैल को कोरोना के 2,183 केस दर्ज हुए। ये 16 अप्रैल के मुकाबले 89.8% की बढ़ोतरी है। इस दिन 1,150 केस मिले थे। वहीं, दिल्ली-NCR में संक्रमण के नए मामलों में 50% से ज्यादा इजाफा दर्ज हुआ है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए यूपी सरकार ने 7 जिलों गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, बुलंदशहर, बागपत और लखनऊ में सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है।





11 हफ्तों की गिरावट के बाद फिर बढ़े मामले





जनवरी में आई तीसरी लहर के बाद लगातार 11 हफ्तों से मामलों में गिरावट हो रही थी, लेकिन 7 दिनों (11 से 17 अप्रैल) में कोरोना मामलों में 35% का इजाफा हुआ है। हालांकि यह बढ़ोतरी सिर्फ दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में देखी गई है। 





NCR में तेजी से बढ़ी संक्रमण दर





एनसीआर में संक्रमण दर तेजी से बढ़ रही है। गुड़गांव में यह दर 19.1%, गौतमबुद्धनगर में 7.65% और फरीदाबाद में यह 5.5% तक पहुंच गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि आवाजाही पर प्रतिबंध पूरी तरह खत्म करने के बाद संक्रमण के मामलों में फिर तेजी आई है। ओमिकॉरोन और सार्स-कोव-2 के अन्य वैरिएंट श्वास नली के ऊपरी हिस्से को संक्रमित कर रहे हैं।



 





दिल्ली के अलावा मुंबई भी अलर्ट





1 अप्रैल को देश में आए नए संक्रमण के कुल मामलों में दिल्ली-एनसीआर की हिस्सेदारी 11.8 फीसदी थी, जो 16 अप्रैल को बढ़कर 52.5% हो गई है। इसी को ध्यान में रखते दिल्ली के साथ मुंबई को भी अलर्ट पर रखा गया है। स्थानीय प्रशासन ने सभी जांच केंद्रों को फिर से खोल दिया हैं और मुफ्त जांच शुरू कर दी है। 





सभी डॉक्टरों को निर्देश भी दिया गया है कि सर्दी-जुकाम वाले सभी मरीजों को आरटी-पीसीआर जांच कराने के लिए भेजा जाए। वहीं, सरकार ने सभी प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों को 48 घंटे के नोटिस पर पूर्ण क्षमता के साथ कोरोना वार्ड बनाने के लिए तैयार रहने का भी आदेश दिया है। मुंबई में फिलहाल दिल्ली से आने वाले यात्रियों के स्वास्थ्य की जांच नहीं हो रही।





क्या चौथी लहर आएगी?





चौथी लहर की आशंका पर डॉक्टरों का कहना है कि भले ही केस थोड़े बढ़ रहे हैं, लेकिन इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है। कोरोना के मामले बढ़ना चिंता का कारण नहीं है। बस ये जरूरी है कि हॉस्पिटलाइजेशन और मौतें न बढ़ें। अगर ये दोनों चीजें नियंत्रण में हैं तो कोरोना एक सामान्य फ्लू की तरह ही है। ऐसे में हमें इसको लेकर बहुत पैनिक होने की जरूरत नहीं हैं। फिलहाल ये जरूरी है कि कोविड को लेकर सर्विलांस बढ़ा दिया जाए और अगले कुछ दिनों तक कोरोना के ग्राफ पर नजर रखी जाए।





कोरोना प्रतिबंधों में ढील पड़ी भारी?





देश में अब तक कोरोना से 5 लाख 21 हजार 965 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में कोविड के कुल मामलों की संख्या अब 4.30 करोड़ हो गई है। देश में 17 अप्रैल को कोरोनावायरस के 1,150 मामले सामने आए थे और चार मौतें हुई थीं। दिल्ली में कोरोना के 517 मामले दर्ज किए गए हैं। एक दिन यानी 16 अप्रैल को दिल्ली में कोरोना के 461 नए मरीज सामने आए थे। केरल में सबसे ज्यादा 940 केस दर्ज किए गए।





देशभर में पिछले कुछ हफ्तों में कोविड के प्रतिबंधों में ढील दी गई थी, क्योंकि जनवरी में तीसरी लहर के बाद संक्रमण में लगातार गिरावट दर्ज की गई। एक्सपर्ट्स ने कोविड नियमों में ढील नहीं देने की चेतावनी दी थी, क्योंकि जर्मनी, फ्रांस और इटली समेत कई यूरोपीय देश और चीन में कोरोना नए सिरे से फैल रहा है। डब्ल्यूएचओ ने हाल ही में कोरोना के एक नए XE वैरिएंट को लेकर अलर्ट जारी किया था। इसके दो मामले मुंबई और गुजरात में पाए गए हैं। इस बार बढ़ते कोरोना मामलों को चौथी लहर की तरह देखा जा रहा है। बच्चों पर सबसे ज्यादा प्रभाव देखा गया हैं। वहीं, दिल्ली सरकार ने अपनी एक एडवाइजरी में कहा है कि स्कूल में कोरोना के एक भी केस आने पर सरकार को इसकी जानकारी देनी होगी। 





ऐसे हुई कोरोना की शुरुआत





दिसंबर 2019 में चीन के वुहान में पहला केस मिला था। जनवरी 2020 में अचानक से दुनियाभर में मामले बढ़े। 24 मार्च 2020 को भारत में लॉकडाउन लगा दिया गया था। इसमें ट्रेनें और फ्लाइट्स भी बंद कर दी गई थीं। ये लॉकडाउन जून तक चला। इसी दौरान पहली लहर भी आई। दूसरी लहर मार्च 2021 में आई। दूसरी लहर ने भारत में जमकर कहर बरपाया। 1 मार्च से जून तक कोरोना संक्रमण के कारण दो लाख से ज्यादा मौतें हो गईं। 2020 में महामारी के शुरू होने के बाद से हर पांच में से तीन मौतें कोरोनावायरस के कारण हुई हैं। भारत में कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने के बाद से रोजाना औसतन करीब 2000 लोगों की वायरस से जान गई। कुल मामलों की बात करें तो दूसरी लहर में करीब 62% कोरोना संक्रमण मामले सामने आए।





भारत में वैक्सीनेशन





देश में अबतक करीब 170 करोड़ से ज्यादा डोज दी जा चुकी हैं। 1 दिसंबर से रोजाना करीब 68 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। 16 जनवरी 2021 से भारत में वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू हुआ था। अब बुजुर्गों को बूस्टर डोज भी लगने लगा है। 15 साल से ज्यादा बच्चों को भी वैक्सीन लगने लगी है। भारत में भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और सीरम इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड वैक्सीन लग रही हैं। 





चीन ने 87% आबादी को कोरोना का पहला टीका, जबकि 84% आबादी को दूसरा टीका लगा दिया है। ब्रिटेन ने 76% आबादी को कोरोना का पहला टीका लगा दिया है, जबकि 70% आबादी को दोनों टीके लगा दिए गए हैं। वहीं, अमेरिका ने 75% आबादी को कोरोना का पहला टीका लगा दिया है, जबकि 62% को दोनों डोज लगाए जा चुके हैं।



 



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