कोवीशील्ड पर स्टडी: 17% लोगों में डेल्टा+ वैरिएंट की एंटीबॉडी नहीं बनी

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कोवीशील्ड पर स्टडी: 17% लोगों में डेल्टा+ वैरिएंट की एंटीबॉडी नहीं बनी

देश में कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान जोरों-शोरों से जारी है।वैक्सीन की अहमियत को समझते हुए कई लोगों ने अभी तक वैक्सीन का पहला डोज ले लिया है। लेकिन इस बीच ही आईसीएमआर के शोधकर्ताओं के एक अध्ययन में वैक्सीन को लेकर बड़ा दावा सामने आया है। कोवीशील्ड को लेकर हुए शोध में पाया गया है की यह वैक्सीन लगवाने वाले लोगों में एंटीबॉडी का निर्माण कम हुआ।

डेल्टा वेरिएंट के आगे फेल कोविशील्ड

वैक्सीन पर किये गए एक शोध में पाया गया है कि कोविशील्ड वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके तकरीबन 17 फीसदी लोगों के नमूनों में डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ बनने वाली एंटीबॉडी नहीं बनी। इसमें आगे कहा गया है कि जिन लोगों को टीके की एक खुराक दी गई, ऐसे लोगों के 58.1 फीसदी नमूनों में एंटीबॉडी नहीं देखने को मिली।

तीसरी लहर की चेतावनी

जहां एक ओर कोविशील्ड को लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अध्ययनकर्ताओं का यह दावा सामने आया, तो वहीं दूसरी ओर वैज्ञानिकों ने तीसरी लहर को लेकर चेतावनी जारी की है।कहा जा रहा है की भारत में सितम्बर-अक्टूबर में तीसरी लहर आने की संभावनाएं हैं। इसलिए लोगों से अभी से कोरोना नियमों का पालन करने की अपील की जा रही है।

वैक्सीन फेल