कोरोना वायरस के नए कप्पा वैरिएंट की खबर सामने आ रही है, जिसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वयान जारी किया है। मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस का कप्पा वैरिएंट, ‘वैरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट’ है और ये वैरिएंट भारत के लिए कोई नया नहीं है, इससे पहले भी कप्पा वैरिएंट के मामले देश में रिपोर्ट किए जा चुके हैं। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉक्टर वीके पॉल ने कहा कि दूसरी लहर के दौरान यह डेल्टा वैरिएंट के वक्त ही पता चल गया था।
कम तीव्रता का है कप्पा वैरिएंट
डॉक्टर वीके पॉल ने कप्पा वैरिएंट के फरवरी और मार्च में देश में मौजूद होने की बात कही लेकिन इसकी तीव्रता बहुत कम थी। उस समय डेल्टा ने बढ़ी मात्रा में असर दिखाया था, कप्पा वैरिएंट, डेल्टा के जैसा ही है। उन्होंने कहा कि अगर अब और कप्पा वैरिएंट के मामलों का देश में पता चलता है तो इसका मतलब ये अभी भारत में मौजूद है।
लैम्बडा वैरिएंट पर ध्यान देने की जरूरत
9 जुलाई को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के कप्पा वैरिएंट के दो मामलों का पता चला है। वहीं दूसरी ओर डॉ वी के पॉल ने कहा कि लैम्बडा वेरिएंट पर ध्यान देने की जरूरत है और इसलिए इसका पता लगाया जा रहा है।
लैम्ब्डा की अभी देश में एंट्री नहीं
डॉक्टर पॉल ने बताया कि जहां तक हम जानते हैं कि इसने हमारे देश में एंट्री नहीं की है। हमारी निगरानी प्रणाली INSACOG (Indian SARS-CoV-2 Consortium on Genomics) बहुत प्रभावी है और अगर यह वैरिएंट देश में एंट्री करता है तो वह इसका पता लगा लेगी….’’
महाराष्ट्र और केरल से कोरोना के आधे मामले
सरकार ने 9 जुलाई बताया कि भारत में पिछले सप्ताह सामने आये कोविड-19 के आधे से ज्यादा मामले महाराष्ट्र और केरल के हैं। मंत्रालय ने चेताया कि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। सरकार ने पर्यटन स्थलों से आने वाली तस्वीरें और बिना कोविड प्रोटोकॉल के लोगों की भीड़ को देखकर चिंता जताई है और ऐसी लापरवाही से वायरस का खतरा बढ़ेगा।