KOLKATA. भोपाल में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा में कहा था कि कांग्रेस का ठेका अब अर्बन नक्सलियों के पास है। पीएम मोदी के इस बयान पर सियासी घमासान शुरू हो गया है। मंगलवार (26 सितंबर) को टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर पूछा है कि क्या 'अर्बन नक्सली' कहे जाने वाले ऐसे लोगों की पहचान की गई है? गोखले की ओर से कहा गया है कि यह पीएम मोदी के भोपाल में 25 सितंबर को दिए गए बयान को लेकर है।
पीएम मोदी ने अपने बयान में आरोप लगाए हैं कि कांग्रेस अर्बन नक्सलियों द्वारा चलाई जा रही है। उन्होंने पत्र में लिखा कि यह पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी ने अपनी रैली में इस शब्द का इस्तेमाल किया हो। कई मौकों पर मोदी ने विपक्षी पार्टियों, कुछ पत्रकारों, एक्टिविस्ट्स और एनजीओ को भी अर्बन नक्सल कहा है। दूसरी ओर आरजेडी सांसद मनोज झा भी मोदी के बयान पर भड़क गए हैं। उन्होंने पलटवार कर कहा है कि मोदी के बोलने की परिभाषा है। प्रधानमंत्री जी हर बोलते रहते हैं। उन्हें इसका ध्यान रखना चाहिए।
कितने अर्बन नक्सलियों पर दर्ज हुए केस?
गोखले ने पत्र में लिखा, पीएम मोदी द्वारा 'अर्बन नक्सल' समूह के अस्तित्व का संकेत देना किसी भी व्यक्ति के लिए आंतरिक सुरक्षा के संबंध में गंभीर चिंता का विषय है। गोखले ने पूछा कि क्या गृह मंत्रालय ने 'अर्बन नक्सल' कैटेगरी की पहचान की है। अगर हां, तो कृपया इस कैटेगरी की जानकारी और किस आधार पर इनकी पहचान की गई है, इसके बारे में बताएं। साकेत ने पूछा कि गृह मंत्रालय ने 'अर्बन नक्सलियों' के खिलाफ कितने मुकदमे चलाए हैं। गोखले ने अर्बन नक्सल को लेकर राज्यों के साथ शेयर की गई एसओपी के बारे में जानकारी भी मांगी है।
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर साधा था निशाना
मालूम हो, पीएम मोदी सोमवार को एमपी के दौरे पर पहुंचे थे। उन्होंने भोपाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा था। मोदी ने कहा था कि कांग्रेस को अब कांग्रेस के नेता नहीं चला रहे, अब कांग्रेस एक कंपनी बन गई है। नारों से लेकर नीतियों तक हर चीज आउटसोर्स कर रही है। ये ठेका अब कुछ अर्बन नक्सलियों के पास है। कांग्रेस में अब अर्बन नक्सलियों की चल रही है।