NEW DELHI. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अपराधियों पर लगाम कसने के लिए पुलिस को और ताकतवर बनाने की तैयारी है। एलजी वीके सक्सेना ने "द गुजरात प्रिवेंशन ऑफ एंटी-सोशल एक्टिविटीज एक्ट 1985" को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी लागू करने की सिफारिश की है। गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेज दिया गया है। इसके तहत सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए खतरनाक अपराधियों, अवैध शराब बेचने वालों, नशे का कारोबार करने वालों, यातायात नियम तोड़ने वाले और संपत्ति हड़पने वालों द्वारा होने वाली असामाजिक व खतरनाक गतिविधियां रोकने के लिए उन्हें एहतियातन हिरासत में लेने का प्रावधान है।
दिल्ली सरकार के गृह विभाग ने भेजा प्रस्ताव
दिल्ली सरकार के गृह विभाग ने 27 जून, 2023 को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में गुजरात के इस कानून को लागू करने को केंद्र शासित प्रदेश (कानून) अधिनियम की धारा-2 के तहत अधिसूचना जारी करने के लिए यह प्रस्ताव उपराज्यपाल के पास अनुमोदित हेतु प्रस्तुत किया था। दिल्ली सरकार के कानून विभाग ने उपरोक्त कानून के ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को जीएनसीटीडी संशोधन अधिनियम 2021 के प्रविधानों के अनुरूप होने की जांच की। साथ ही ट्रांजेक्शन ऑफ बिजेनस रूल्स (1993) के प्रविधानों और जीएनसीटीडी (संशोधन) अध्यादेश 2023 से संबंधित नियमों का भी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में ध्यान रखा गया।
तेलंगाना से ज्यादा गुजरात का एक्ट प्रभावी
तेलंगाना में लागू इसी तरह के कानून "द तेलंगाना प्रिवेंशन ऑफ डेंजरस एक्टिविटिज ऑफ बूट लेगर्स, प्रोपर्टी आफेंडर्स...आदि एक्ट 1986" पर भी विचार किया गया, लेकिन गुजरात के कानून को ज्यादा बेहतर और उपयुक्त पाया गया। एलजी ने भी इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी।
इस प्रस्ताव को मार्च में मिली थी मंजूरी
इस साल मार्च की शुरुआत में, एलजी ने गृह विभाग के उस प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी थी, जिसमें कहा गया था कि कुछ संगीन मामलों में दिल्ली पुलिस को द नेशनल सिक्योरिटी एक्ट 1980 को प्रभावी तरीके से लागू करना चाहिए। इसका मकसद संगीन मामलों में एहतियातन हिरासत में रखने का प्रविधान है। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने 14 फरवरी 2023 को अपने पत्र में गुजरात अधिनियम के प्रविवधानों की जांच का अनुरोध किया था।
तेलंगाना-गुजरात के कानूनों को जांचा
दिल्ली पुलिस ने गृह विभाग से तेलंगाना और गुजरात के कानूनों की जांच के बाद इस पर उचित निर्णय लिए जाने का अनुरोध किया, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ कानून व्यवस्था बनाम सार्वजनिक व्यवस्था के विषय पर निर्णय और प्रस्तावित कानून को दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लागू करने की संभावना तलाशने का अनुरोध भी शामिल है।
इससे पुलिस को और मिलेगी ताकत
अगर यह कानून अधिसूचित हो जाता है तो पुलिस को अपराधियों से निपटने के लिए और अधिक ताकत मिल जाएगी। इसके साथ ही चेन स्नेचिंग, मादक पदार्थों की अवैध बिक्री, ड्रग्स तस्करी और अवैध व्यापार जैसे अपराधों के खिलाफ प्रभावी कदम उठाया जा सकेगा।