MP में अटकेगा IPS कैडर रिव्यू: केन्द्र सरकार से प्रस्ताव वापस मांगने की तैयारी में गृह विभाग

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MP में अटकेगा IPS कैडर रिव्यू: केन्द्र सरकार से प्रस्ताव वापस मांगने की तैयारी में गृह विभाग

भोपाल. भोपाल-इंदौर (Bhopal-Indore) में पुलिस कमिश्नर सिस्टम (Police Commissioner System) लागू होने से केन्द्र सरकार (Central Government) को भेजे गए आईपीएस कैडर रिव्यू (IPS Cadre Review) का प्रस्ताव (Proposal) गड़बड़ा गया है। अब इसके चलते गृह विभाग (Home Department) केन्द्र सरकार (Central Government) को भेजे गए कैडर रिव्यू प्रस्ताव को वापस बुलाने की तैयारी कर रहा है। आईपीएस (IPS) के नए कैडर रिव्यू प्रस्ताव में एसपी (SP) के पदों को बढ़ाया जाएगा। दरअसल पुलिस कमिश्नर सिस्टम में भोपाल-इंदौर में 8 एसपी की पोस्ट बनाई गई हैं। ऐसे में अब पुलिस कमिश्नर सिस्टम के नोटिफिकेशन के आधार पर केन्द्र सरकार से इतने पद बढ़ाकर मांगे जाएंगे। वर्तमान में एमपी-आईपीएस कैडर (MP-IPS Cadre) में 166 पद हैं। केन्द्र को भेजे गए कैडर रिव्यू प्रस्ताव में 39 नई पोस्टें मांगी गई थीं। पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद अब पद बढ़ा कर भेजे जाएंगे।

कैडर रिव्यू में इन एजेंसियों के लिए आईपीएस के पद शामिल किए जाएंगे

वहीं राज्य सरकार चाहती है कि जांच एजेंसी लोकायुक्त (Agency Lokayukta) और ईओडब्ल्यू (EOW) में राज्य पुलिस सेवा के प्रमोटी अफसरों (State Police Service Promotion Officer) की जगह आईपीएस अफसर पदस्थ किया जाएं। कैडर रिव्यू में इन एजेंसियों के लिए आईपीएस के पद शामिल किए गए हैं। राज्य सरकार ने ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त के साथ ही राज्य सायबर सेल एसपी की कैडर की पोस्ट मांगी है। उल्लेखनीय है कि लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में 2003 के पहले आईपीएस ही एसपी बनाए जाते थे। लेकिन ये व्यवस्था बदल गई और राज्य पुलिस सेवा के प्रमोटी अफसरों को यहां पदस्थ किया जाने लगा।

पांच पदों को सरेंडर करने का प्रस्ताव

केन्द्र को भेजे गए प्रस्ताव में पांच पदों को राज्य सरकार सरेंडर करने की बात कही गई है। इनमें स्पेशल डीजी, पुलिस ट्रेनिंग मुख्यालय, आईजी होमगार्ड, जबलपुर, आईजी पीटीआरआई, आईजी,जेनएपीए सागर और आईजी आरएपीटीसी इंदौर शामिल हैं। 

पहले इतने पद मांगे थे

केन्द्र को पहले भेजे गए कैडर रिव्यू में स्पेशल डीजी के पुलिस फायर सर्विस व पुलिस अकादमी आईपीटी भौंरी के लिए पद मांगे गए हैं। इसके अलावा एडीजी के आठ पद मांगे हैं। जबकि पुलिस अधीक्षकों के 20 पद मांगे गए हैं। इनमें नया जिला निवाड़ी, कमांडेंट 36वीं बटालियन एसएएफ मंडला, एसपी हेडक्वार्टर भोपाल व इंदौर, सायबर सेल में तीन एसपी, एसटीएफ में दो एसपी, लोकायुक्त में एसपी के चार पद, ईओडब्ल्यू में एसपी के चार पद और पीटीएस उज्जैन में एसपी का एक पद रहेगा। नए प्रस्ताव में भोपाल-इंदौर में कमिश्नरी सिस्टम में बढ़े एसपी के पद शामिल किए जाएंगे। 

कम होंगे एडीजी

अगले पांच सालों में डीजी रैंक के रिटायर होने वाले अफसरों के बाद कैडर फिर से पटरी पर आ जाएगा। इस दौरान प्रमोशन से आईजी और डीआईजी के पदों की कमी भी दूर हो जाएगी। वर्तमान में आईपीएस 1988 से लेकर 1994 बैच के एडीजी रैंक के आईपीएस अफसरों की संख्या 50 से ज्यादा है। दस अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। 1986 से लेकर 1997 तक आईपीएस के बैच में आठ से दस अधिकारी मिले थे। नियमानुसार 25 साल का कार्यकाल पूरा करने पर वे एडीजी के पद पर पदोन्नत होंगे। 1998-99 के बाद से मप्र कैडर में आईपीएस की संख्या कम हुई है।

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