इंटरनेशनल डेस्क. पाकिस्तान एक इस्लामिक देश है। यहां पर एक तरह से सरिया कानून चलता है। पाकिस्तान की राजनीति में भी कट्टरता है। इसका असर यहां के चुनाव में भी दिखता है। यही वजह है कि पाकिस्तान की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी कम ही है। और यदि ऐसे में अल्पसंख्यक समुदाय की बात की जाए तो उनकी हालत चिंताजनक ही है। ऐसे में एक हिंदू महिला डॉक्टर ने चुनाव में ताल ठोंकी है। वह पाकितान के कट्टरता भरे माहौल के बीच आम चुनाव लड़ रही है। कौन है वह महिला डॉक्टर, आइए आपको बताते हैं।
पाकिस्तान में फरवरी 24 में होने वाले आम चुनाव में उतरी महिला डॉक्टर का नाम है डॉक्टर सवीरा प्रकाश। फरवरी 2024 को होने वाले आम चुनाव के लिए पहली बार किसी हिंदू महिला ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। सवीरा खैबर पख्तूनख्वा के बुनेर जिले में पीके-25 की सामान्य सीट से चुनाव लड़ेंगी।
पिता भी हैं डॉक्टर
सवीरा ने एबटाबाद इंटरनेशनल मेडिकल कॉलेज से 2022 में स्नातक किया था। वर्तमान में वह बिलावल भुट्टो वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) महिला विंग के महासचिव के रूप में कार्यरत हैं। वे महिलाओं की बेहतरी के लिए काम करती हैं और उनके अधिकारों की वकालत करती हैं। उनके पिता सेवानिवृत्त डॉक्टर हैं और पिछले 35 वर्षों से PPP के सदस्य हैं।
इसलिया किया चुनाव लड़ने का फैसला
सवीरा ने मेडिकल की पढ़ाई के दौरान ही राजनीति में आने का सपना देखा था। उन्होंने सरकारी अस्पतालों में खराब प्रबंधन और लाचारी के अपने प्रत्यक्ष अनुभवों के बाद एक निर्वाचित नेता बनने का फैसला किया। ज्ञात हो कि पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP) द्वारा हाल में किये गए संशोधनों में सामान्य सीटों पर महिला उम्मीदवारों को 5 प्रतिशत करने की बात कही गई है।
55 साल में पहली बार महिला मैदान में
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार डॉक्टर सवीरा पारंपरिक पितृसत्ता द्वारा कायम रूढ़ियों को तोड़ रही हैं। बुनेर के पाकिस्तान में विलय के बाद एक महिला को आगे बढ़ने और चुनाव लड़ने में 55 साल लग गए