उलझन: आंदोलन में किसानों की मौत पर राहुल गांधी और कांग्रेसी सीएम के जवाब जुदा

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उलझन: आंदोलन में किसानों की मौत पर राहुल गांधी और कांग्रेसी सीएम के जवाब जुदा

नई दिल्ली/रायपुर. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) किसान आंदोलन (Kisan Andolan) में मारे गए सभी किसानों की लिस्ट अपने पास होने का दावा कर चुके हैं। वे इस मुद्दे पर हाल ही में लोकसभा (Lok sabha) में भी केंद्र सरकार (central government) पर निशाना साथ चुके हैं। लेकिन दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ (CG) में ही उनकी पार्टी की सरकार के पास मारे गए किसानों की जानकारी नहीं है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री (cm chattisgarh) भूपेश बघेल (bhupesh bhaghel) ने विधानसभा में किसानों की मौत के बारे में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में बताया है कि थाने में दर्ज होने वाली एफआईआर (FIR) में मृतक के किसान होने का उल्लेख नहीं किया जाता। राज्य सरकार इस प्रकार की जानकारी नहीं रखती।

राहुल ने संसद में कहा था- मेरे पास मारे गए सभी किसानों की लिस्ट 

राहुल गांधी ने 7 दिसंबर को लोकसभा में किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए लोकसभा में मांग की थी कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में मारे गए किसानों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में करीब 700 किसानों की मौत हुई है। जब केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से 30 नवंबर को सवाल पूछा गया कि आंदोलन में कितने किसानों की मौत हुई है तो उन्होंने कहा कि सरकार के पास ऐसा कोई डेटा नहीं है। राहुल ने कहा कि मेरे पास आंदोलन के दौरान मारे गए सभी किसानों की लिस्ट है। मैं मारे गए किसानों की लिस्ट लोकसभा के पटल पर रख रहा हूं। कृषि कानूनों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माफी मांगी है तो अब किसानों को उनका हक भी मिलना चाहिए।

राहुल ने केंद्र से की थी सभी मृत किसानों के परिजनों को मुआवजे की मांग

 राहुल गांधी ने कहा कि आंदोलन में मृत किसानों में से 400 पंजाब के, 70 हरियाणा के हैं। सरकार कह रही है कि आंदोलन में कोई किसान शहीद नहीं हुआ है। आपके पास किसानों के नाम नहीं है तो यह डाटा मैं आपको देना चाहता हूं।  मैं चाहता हूं कि इन किसानों को उनका हक मिले। उनके परिजन को आर्थिक मुआवजा दिया जाए। उन्होंने बताया कि पंजाब की सरकार ने 400 किसानों को 5 लाख रुपए आर्थिक मदद दी है। 152 किसानों के परिजनों को रोजगार दिया है।

छत्तीसगढ़ सीएम ने कहा- सरकार के पास किसानों की मौत का आंकड़ा नहीं 

इधर, छत्तीसगढ़ विधानसभा में 13 दिसंबर को किसानों की मौतों से संबंधित एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार के पास ऐसे आंकड़े नहीं हैं। बीजेपी विधायक मरुधर पुजारी ने मुख्यमंत्री से पूछा था कि क्या लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश) की घटना में मारे गए किसानों या उनके परिजनों को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कोई मुआवजा या सहायता राशि प्रदान की गई है? प्रदेश में 1 जनवरी 2019 से 10 अक्टूबर 2021 तक कितने किसानों की दुर्घटना में मृत्यु हुई है? कितने किसानों ने आत्महत्या की है? इनमें से कितने किसानों या उनके परिजनों को कितनी मुआवजा या सहायता राशि दी गई है?

भूपेश बघेल ने विधानसभा बोले- सरकार ऐसी जानकारी नहीं रखती

इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश ने बताया कि लखीमपुर खीरी में किसान आंदोलन में शामिल व्यक्तियों में से 5 कुचले गए व्यक्तियों के परिवार को प्रति व्यक्ति 50 लाख रुपए के हिसाब से सहायता राशि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दी गई है। इसके अलावा प्रदेश में किसानों की किसी दुर्घटना में मृत्यु या आत्महत्या होने पर संबंधित क्षेत्र के थाने में FIR दर्ज कराई जाती है। इसमें मृतक किसान था अथवा नहीं इसका उल्लेख नहीं होता है। इस प्रकार की जानकारी नहीं रखी जाती।

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