NEW DELHI/JAIPUR. राजस्थान में चल रहे सियासी संकट के बीच अशोक गहलोत 28 सितंबर को सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। इससे पहले जयपुर में पर्यवेक्षक बनाकर भेजे गए कांग्रेस के नेता अजय माकन ने सोनिया गांधी को लिखित रिपोर्ट सौंपी। इसमें मुख्यमंत्री गहलोत को क्लीन चिट दी गई है और राजस्थान कांग्रेस के तीन नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है। जिन तीन नामों का माकन ने जिक्र किया है उनमें शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ हैं और ये तीनों गहलोत के बेहद करीबी माने जाते हैं।
खाचरियावास का बड़ा बयान
राजस्थान के मंत्री और अशोक गहलोत के वफादार प्रताप कचरियावास ने ये कहाकर उथल-पुथल मचा दी कि सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाना मतलब राज्य को बीजेपी को सौंपना है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत के दिल्ली जाने के बाद सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाना प्रदेश को बीजेपी को सौंपने जैसा होगा। प्रवर्तन निदेशालय (ED), आयकर विभाग , सीबीआई अधिकारी राजस्थान में बैठे हैं। बीजेपी का खेल शुरू हो गया है। बीजेपी फिर से राजस्थान सरकार को गिराने की साजिश में लगी हुई है।
क्या गहलोत से आलाकमान नाराज है?
सूत्रों का कहना है कि गांधी परिवार गहलोत से उनके वफादारों के विद्रोह को लेकर बेहद नाराज हैं। गहलोत गुट के नेता पिछले कई दिनों से बयानबाजी कर रहे हैं। गहलोत गुट के तीन विधायकों (MLAs) को आलाकमान ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने के मामले में एक्शन लेते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल, सचेतक महेश जोशी और RTDC चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़ को कांग्रेस अनुशासन समिति ने मंगलवार रात को नोटिस जारी किया है। तीनों को 10 दिन में जवाब देने के लिए कहा गया है।