BHOPAL:कोविड में अनाथ हुए छात्रों की बीकॉम, बीए, मेडिकल तक की पढ़ाई मुफ्त, योजना का लाभ लेने इस वेबसाइट पर करें क्लिक

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Vivek Sharma
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BHOPAL:कोविड में अनाथ हुए छात्रों की बीकॉम, बीए, मेडिकल तक की पढ़ाई मुफ्त, योजना का लाभ लेने इस वेबसाइट पर करें क्लिक

Bhopal. कोविड की दूसरी लहर(second wave of covid) में अनाथ हुए बच्चों के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक योजना चलाकर उनको आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रही है। विशेष रूप से उनकी पढ़ाई में किसी भी प्रकार की बाधा न आए इस पर सरकार फोकस कर रही है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जूझ रहे देश में कई ऐसे बच्चे हैं जिन्होंने अपने माता-पिता को खोया है. राज्य सरकारें ऐसे बच्चों की मदद के लिए लगातार हाथ बढ़ा रही हैं। 1 मार्च 2021 से 30 जून 2021 तक की अवधि में कोरोना की दूसरी लहर ने भारी तबाही मचाई थी। बड़ी संख्या में लोगों ने अपने परिजनों को खोया। सरकार अब ऐसे बच्चों के शैक्षणिक उत्थान(educational upliftment of children) के सराहनीय कदम उठाए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार  जिन भी छात्रों के माता-पिता दोनों की मृत्यु हुई, उनके बीकॉम, बीए और बीएससी से लेकर बीई, पॉलिटेक्निकल डिप्लोमा तक में प्रवेश लेने पर फीस राज्य सरकार भरेगी। ऐसे छात्रों को न कॉशन मनी देना होगी और न कोई अन्य शुल्क। इसके लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी की गई है। इसका फायदा इसी सत्र से मिलेगा और इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। ऐसे छात्रों को एमबीबीएस-बीडीएस जैसे मेडिकल कोर्स में भी मुफ्त प्रवेश(Free admission in medical courses like MBBS-BDS) मिलेगा, लेकिन इसके लिए शासन ने एक शर्त रखी है।





2 साल गांव में देनी होगी सेवा





इस योजना से जो छात्र शासकीय कॉलेज में एडमिशन लेंगे, उन्हें 10 लाख रुपए का बांड भरकर यह गारंटी देना होगा कि दो साल तक वे गांवों में सेवाएं देंगे। निजी कॉलेज में प्रवेश लेने पर छात्रों को 25 लाख रुपए का बांड भरकर गांवों में पांच साल नि:शुल्क सेवा देना होगी। इस स्कीम का फायदा लेने के लिए सभी संकाय के विद्यार्थियों को ‘covidbalkalyan.mp.gov.in’ पर आवेदन करना होगा। यह योजना सभी शासकीय, अनुदान प्राप्त और निजी कॉलेज और यूनिवर्सिटी में लागू होगी। इसके अलावा ऐसे छात्र किसी कोर्स की पढ़ाई में कोविड से जुड़ी योजना का फायदा ले रहे हैं, वे भी इस स्कीम का लाभ ले सकते हैं।





ये होंगे पात्र







  • माता-पिता दोनों की मृत्यु निर्धारित अवधि में कोविड की वजह से हुई हो अब वे छात्र अनाथ हैं।



  • ऐसे छात्र जिनके माता-पिता पहले चल बसे  लेकिन कोविड की इस अवधि में उनके अन्य पालक (जो परवरिश कर रहे थे) उनकी मृत्यु हुई हो


  • छात्र मप्र के मूल निवासी हों


  • ऐसे छात्र जिनके माता या पिता में से किसी एक का निधन पहले हो चुका हो, लेकिन इस अवधि के दौरान दूसरे का निधन कोविड से हुआ हो


  • कितने बच्चों को होगा फायदा, इसका आकलन आवेदन आने के बाद करेगी सरकार


  • परंपरागत कोर्स में कॉशन मनी से छूट, लॉ व इंटीग्रेटेड कोर्स की फीस सरकार भरेगी






  • परंपरागत कोर्स





    बीकॉम, बीए और बीएससी के साथ ही बीबीए-बीसीए जैसे कोर्स में प्रवेश लेने वाले छात्र को कॉशन मनी से छूट रहेगी। इनकी 15 हजार रुपए सालाना फीस शासन भरेगा। राशि इनके खाते में आएगी।





    लॉ कोर्स





    क्लेट के जरिये सिलेक्ट छात्रों की एनएलयू और दिल्ली यूनिवर्सिटी के लॉ कोर्स की फीस सरकार भरेगी।





    इंटीग्रेटेड कोर्स





    स्टेट और सेंट्रल यूनिवर्सिटी में जहां भी चलते हैं उसमें प्रवेश फ्री होंगे।



    जेईई से निजी कॉलेज में दाखिले पर डेढ़ लाख रुपए स्कॉलरशिप मिलेगी





    तकनीकी कोर्स





    इंजीनियरिंग जैसे तकनीकी कोर्स में छात्रों की पूरी स्नातक पढ़ाई मुफ्त होगी। बीई, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा, आईटीआई-पैरामेडिकल में नियमानुसार फायदा मिलेगा। यानी अनुदान प्राप्त या शासकीय इंजीनयिरिंग कॉलेज में दाखिला लेने पर फीस शासन भरेगा। जबकि निजी कॉलेजों में जेईई मेन या एडवांस के जरिये प्रवेश पर छात्र को डेढ़ लाख रुपए सालाना स्कॉलरशिप मिलेगी। ऐसे छात्र जिनका एडमिशन निजी कॉलेज में कॉलेज लेवल पर होगा, उन्हें 75 हजार मिलेंगे।





    मेडिकल कोर्स





    मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए नीट के जरिये जिन छात्रों का प्रवेश होगा उन्हें फायदा मिलेगा। इसमें एमबीबीएस, बीडीएस, बीयूएमएस, बीएचएमएस व अन्य में केंद्र-राज्य द्वारा संचालित या निजी कॉलेज में प्रवेश पर फीस शासन भरेगा, लेकिन शर्त सख्त है। इसके तहत गांवों में सेवाएं देने का बॉण्ड भरना होगा।





    'पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन फंड





    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भी ऐलान किया है कि जिन बच्चों के माता-पिता या अभिभावक की कोरोना वायरस के चलते जान चली गई है उन्हें 'पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन फंड' के तहत सहायता दी जाएगी. इसके अंतर्गत इन्हें 18 साल तक की आयु का होने के बाद मासिक स्टाइपेंड दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें 23 साल का हो जाने के बाद 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। कोविड से जान गंवाने वाले बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी. बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन लेने में सहायता दी जाएगी और ऋण के ब्याज का भुगतान पीएम केयर्स के जरिए किया जाएगा। 





    आयुष्मान भारत का भी मिलेगा लाभ





    इसके साथ ही बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा और इसके प्रीमियम का भुगतान भी पीएम केयर्स के जरिए किया जाएगा। 10 साल से कम उम्र के बच्चों को सेंट्रल स्कूल या निजी स्कूल में दाखिला कराया जाएगा। अगर बच्चे का दाखिला निजी स्कूल में कराया जाता है तो आरटीई नियमों के तहत उसकी फीस भी पीएम केर्यस से दी जाएगी। पीएम केयर्स से यूनिफॉर्म, कॉपी-किताबों का भी खर्च दिया जाएगा।



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