KATNI: बीजेपी का अनुभवी चेहरा, कांग्रेस के पास युवाओं का जोश

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katni#MoodOfMadhyaPradesh #KaunBanegaMahapour आरक्षण के बाद महिलाओं को मिले मौके से तालमेल बनाते हुए कांग्रेस ने पहली सूची में ही कटनी से युवा चेहरे के दम पर माहौल को गरमाहट बढ़ा दी है। भाजपा ने भी संगठन में तप कर आगे आईं दो बार की पार्षद और समाज सेवा के जरिए अपनी सक्रियता बनाए रखने वाली ज्योति दीक्षित को मैदान में उतारा है। दोनों के पास कारोबारी जगत से संबंध भी काफी गहरे तक हैं तो क्षेत्र व पार्टी के क्षत्रपों का साथ ताकत देने का काम करेंगे। दोनों प्रत्याशियों की ताकत और उन्हें मिलने वाली चुनौतियों को जातीय समीकरणों के साथ कसते हुए हम यहां बता रहे हैं वह सब कुछ जो जानना चाहेंगे आप। 

ज्योति दीक्षित-भाजपा 

ताकतः दो बार पार्षद रही हैं। महिला मोर्चा में महामंत्री हैं। विधायक संजय पाठक का खुला समर्थन। सामाजिक कार्यों में सक्रियता। 

चुनौतीः एक विशेष गुट का होने से अन्य नेताओं से तालमेल में कमी। बड़ा चुनाव लड़ने का अनुभव भी नहींं। पूरे नगर निगम क्षेत्र में कार्यकर्ताओं को सहेजना।

जातीय समीकरणः कटनी में व्यापारिक वर्ग अधिक है। यहां सिंधी, जैन, मारवाड़ी, ब्राह्मण व अन्य जाति के लोग रहते हैं। इनके पति विनय दीक्षित भी व्यवसायी हैं, इसका फायदा मिलेगा। विधायक संजय पाठक का प्रभाव भी पार्टी प्रत्याशी को लाभ पहुंचाएगा। 

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श्रेहा खण्डेलवाल-कांग्रेस 

ताकतः छात्र जीवन से ही एनएसयूआई में रहते हुए शहर की राजनीति में सक्रिय। एनएसयूआई की टीम आज भी साथ। युवा कार्यकर्ताओं के बीच अच्छी पैठ। युवाओं को लुभाने में माहिर। पति रौनक खंडेलवाल शहर के बड़े व्यापारी हैं। व्यापारिक जगत में अच्छा आधार। 

चुनौतीः  वरिष्ठ नेताओं के साथ समन्वय मजबूत नहीं। उनसे जुड़े कार्यकर्ता भी इनसे जुड़ नहीं पा रहे हैं। गुटबाजी से पार पाना नहीं होगा आसान। 

जातीय समीकरणः शहर के सिंधी, मारवाड़ी समाज, जैन समाज व अन्य वर्ग की बहुलता है। हर क्षेत्र में सक्रियता रहने वाले मारवाड़ी समाज का सपोर्ट। परिवार भी व्यापारिक क्षेत्र से हैं।