GWALIOR.आज शाम को दशहरा पर्व के मौके पर बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माने जाने वाले पर्व पर रावण का पुतला दहन किया जाएगा।इसके लिए ग्वालियर शहर के सबसे बड़े 50 फुट का रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले बनाने की तैयारियां कई दिनों से जोर-शोर से चल रही थीं और अब वे पुतले दहन के लिए तैयार हैं। ग्वालियर में रामलीला का यह अमृत वर्ष है लेकिन इस बार ख़ास बात ये है कि पुतला दहन परम्परागत छत्री मैदान की जगह फूलबाग मैदान में होगा।
एक महीने से चल रही थी तैयारी
इन तीनों पुतलो की बनाने की तैयारियां लगभग एक महीने पहले ही शुरू कर दी गई थी। 50-50 फुट के तैयार किए गए रावण,मेघनाद और कुंभकरण की पुतलों का आज दशहरा के मौके पर आज रात फूलबाग मैदान में इनका दहन किया जाएगा।इस मौके पर भारी संख्या में शहर के लोग मौजूद रहेंगे। साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल की भारी संख्या भी मौजूद रहेगी।
इस बार दहन आयोजन फूलबाग पर
ग्वालियर की रामलीला का यह 75 वां वर्ष है। कोरोना काल के बीते दो वर्षों को छोड़ दिया जाए तो कभी भी इस राममलीला का आयोजन अवरुद्ध नहीं हुआ और सदैव की तरह छत्री मैदान में इसका आयोजन और दशहरा पर पुतला दहन होने की परम्परा रही है। छत्री मैदान में रावण पुतला दहन की परंपरा 72 साल से चली आ रही है हर साल यहां रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद का पुतला दहन किया जाता है। लेकिन अब उस मैदान को स्मार्ट सिटी के तहत खेल के मैदान में तब्दील कर दिया गया है इसलिए अब रामलीला का स्थान भी बदलकर इस बार शहर के छत्री मैदान की जगह फूलबाग कर दिया गया था और अब वहां पर ही पुतला दहन किया जाएगा।साथ ही पुतला दहन पर आतिशबाजी मुख्य आकर्षण का केंद्र होती है।जिसमें शहर के सभी लोग उपस्थित होते हैं। इसके अलावा शहर में अलग अलग स्थानों पर पुतला दहन किया जायेगा।
नवमी को सिंधिया परिवार पहुंचा रामलीला मैदान
सालाना परम्परानुसार सोमवार को रामनवमी के मौके पर रात को रामलीला मैदान में सबसे पहले महान आर्यमन सिंधिया अपनी माँ प्रियदर्शनी राजे सिंधिया के साथ रामलीला मैदान पहुंचे। उन्होंने रामलीला के वृंदावन से पधारे गुरु का माल्यार्पण कर स्वागत किया और सभी को दशहरे की शुभकामनाएं दी। बाद में देर रात विशेष विमान से ग्वालियर पहुंचे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी स्टेशन से सीधे फूलबाग मैदान पहुंचे और रामलीला स्थल पहुंचकर सबको बधाई दी।