GWALIOR : टिकट नही मिला तो हुए बागी ,बीजेपी ने पार्टी से निकाला तो कहा, वापस करो मेरे दस हजार

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Dev Shrimali
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GWALIOR : टिकट नही मिला तो  हुए बागी ,बीजेपी ने पार्टी से निकाला तो कहा, वापस करो मेरे दस हजार

GWALIOR News. भारतीय जनता पार्टी (BJP) से टिकिट वितरण के बाद शुरू हुआ और फिर  निष्कासित बागी नेताओं का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है बल्कि अब ये विवाद नए रूप में आ गया है । अब टिकट के नाम पर पैसे उगाहने  के आरोप लग रहे हैं जिससे अब सोशल मीडिया पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। ग्वालियर में भाजपा के स्वामी विवेकानंद मंडल के पूर्व उपाध्यक्ष और नगरीय निकाय चुनाव में बागी होकर चुनाव लडऩे वाले अमित सूरी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली थी जिसमे उन्होने समर्पण निधि के नाम पर लिए गए 10 हजार रुपए वापस मांगे हैं। उनका कहना है कि उनसे यह राशि पार्षद का टिकट देने के नाम पर मांगी गयी थी अब जब उन्हे जब टिकट ही नहीं दिया गया और पार्टी से निष्काषित भी कर दिया गया है इसलिए अब उनसे ली गयी 10 हजार रुपये कि राशि उन्हे तत्काल वापिस करनी चाहिए । इस मामले में एक चौकाने वाला तथ्य ये सामने आया कि उनसे ली गयी समर्पण कि राशि बीजेपी कि जगह सह कोषाध्यक्षा के खाते में डिपॉज़िट कराई गई थी । जहां ग्वालियर सांसद का कहना है कि यह राशि व्यक्तिगत नहीं ली गई है, पार्टी फंड में जमा की गई है.... तो वहीं कांग्रेस इस पूरे मामले में जमकर चुटकी ले रही है।





सह कोषाध्यक्ष के खाते में जमा की थी राशि



ग्वालियर बीजेपी से निकाले जाने के बाद.... अमित सूरी ने सोशल मीडिया पर जारी की गई पोस्ट में लिखा है कि जिलाध्यक्ष माखीजानी से कहता हूं कि उन्होंने जिन 24 कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्कासित करने का जो आदेश जारी किया है। वह पहले हम सभी कार्यकर्ताओं से जो नगरीय निकाय चुनाव के लिए बायोडाटा लेते समय 10-10 हजार रुपए लिए थे। वह हमें पहले वापस करें.... उसके बाद यह कार्यवाही करें। हमारा पैसा भी मेहतन की कमाई का है। मेरे द्वारा 10 हजार रुपए भारतीय जनता पार्टी के सह कोषाध्यक्ष के खाते में जमा किए गए थे।





ये बोले बीजेपी सांसद





वहीं ग्वालियर के बीजेपी  सांसद विवेक  नारायण शेजवलकर का कहना है, अनुशासनहीनता के कारण अमित सूरी को पहले भी छह साल के लिए निष्कासित किया जा चुका है। इसलिए मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। समर्पण निधि की राशि तो हर कार्यकर्ता जमा करता है। बायोडाटा के लिए व्यक्तिगत रूप से कोई राशि नहीं मांगी गई, यदि मांगी है तो उसका प्रमाण उपलब्ध करा दें। राशि तो पार्टी फंड में जमा की गई है और इसके लिए बकायदा रसीद भी दी गई थी। वहीं इस मामले में कांग्रेस चुटकी ले रही है। कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष वीर सिंह तोमर ने कहाकि बीजेपी के चंदे का धंधा अब खुल गया है।



भाजपा में पहली बार ऐसा हुआ है कि समर्पण निधि की राशि को चुनाव से पहले बायोडाटा देने के साथ जमा करना पड़ी हो। बीजेपी ने नगरीय निकाय में चुनाव में पार्टी को अंदर ही अंदर नुकसान पंहुंचाने वाले 24 बागी बीजेपी के कार्यकर्ताओं को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल  दिया है। जिसका असर  अब सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहा है।



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