इंदौर की 196 कॉलोनियां वैध करने की प्रक्रिया शुरू, 20 साल में 8वीं बार हो रही कोशिश, इन कॉलोनियों की आबादी 50 हजार से ज्यादा

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The Sootr CG
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इंदौर की 196 कॉलोनियां वैध करने की प्रक्रिया शुरू, 20 साल में 8वीं बार हो रही कोशिश, इन कॉलोनियों की आबादी 50 हजार से ज्यादा

संजय गुप्ता, INDORE. नगर निगम ने एक बार फिर अवैध कॉलोनी को वैध करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए सूची जारी कर 15 दिन में दावे-आपत्ति बुलाए गए हैं। सूची में 196 कॉलोनी हैं, जो दिसंबर 2016 के पहले अस्तितव में आई हैं। एमपी सरकार की 20 साल में यह आठवीं कोशिश है। हर विधानसभा चुनाव के पहले इसकी घोषणा होती है। एक बार फिर यह प्रक्रिया हो रही है। वैसे शहर में 950 अवैध कॉलोनियां हैं। इसमें से निगम केवल 196 को ही वैध कर पा रहा है क्योंकि बाकी ग्रीन बेल्ट, सरकारी जमीन आदि पर हैं। इस पर बनी कॉलोनियों को वैध नहीं किया जाएगा। 



आपत्तियों का निराकरण करने के बाद निगम द्वारा कॉलोनी का लेआउट तैयार करेगी। इसके बाद टीएंडसीपी से नक्शा पास कराया जाएगा और फिर विकास शुल्क की गणना कर सभी से राशि जमा करवाई जाएगी। तब जाकर कॉलोजी वैध होंगी।



सबसे बड़ी राहत इन्हें मिलेगी



सबसे बड़ी राहत अयोध्यपुरी कॉलोनी वालों को मिलने जा रही है। फरवरी 2021 में चले माफिया अभियान के तहत देवी अहिल्या संस्था की इस जमीन को कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा अवैध कब्जे से मुक्त करवाई गई थी। यह जमीन 30 साल से भूमाफियाओं के कब्जे में थी। करीब 16 एकड़ में यह कॉलोनी है। इसके बाद सबसे बड़ा एरिया 126 एकड़ में बसी तुलसी नगर के रहवासी सालों से लड़ाई लड़ रहे हैं। इन्हें राहत मिलेगी। 



सूची में ये बड़ी कॉलोनी शामिल



ग्रेटर बृजेश्वरी, बृज विहार, गिरधर नगर, अलकापुरी, न्याय नगर के साथ-साथ मूसाखेड़ी स्थित खाती मोहल्ला, सम्पत फार्म, सम्पत विहार, सम्पत एवेन्यू कॉलोनियों के अलावा पवन नगर, शाहिन नगर, आलोक नगर, चंदन नगर के कुछ सेक्टर, गीताराम पार्क, संजीव नगर, कंधारी नगर, लैकपार्क कालोनी तेजपुर गड़बड़ी, प्रिंस सिटी सुखलिया, न्यू एकता नगर, अमन नगर, गीता पैलेस, शालीमार पैलेस सहित अन्य कॉलोनियां हैं।



निगमायुक्त ने दिए निर्देश



निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने कॉलोनी सेल के साथ-साथ भवन अनुज्ञा की लीज शाखा की भी समीक्षा की और अभी भवन अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि अवैध निर्माण कतई ना होने दें। समय सीमा निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने इन 196 कॉलोनियों की सूची निगम वेबसाइट के साथ सोशल मीडिया पर भी जारी करने के निर्देश दिए। ताकि नागरिकों को जानकारी मिल सके और इसके साथ ही आयुक्त ने भवन अनुज्ञा और कॉलोनी सेल की बैठक भी कल ली, जिसमें अपर आयुक्त संदीप सोनी, सभी बीओ, बीआई शामिल रहे।



प्राधिकरण की कई योजनाओं में बन गई अवैध कॉलोनियां



प्राधिकरण की कई योजनाओं में भी अवैध कॉलोनियां विकसित हो गई हैं। योजना 171, जो अभी तक छूटी नहीं है। उसमें शामिल पुष्प विहार, न्याय नगर सहित कई कॉलोनियां अवैध है। निगम की 196 कालोनियों की घोषित सूची में योजना क्रमांक 46, योजना क्रमांक. 139 एमआर-10 के पास, योजना क्रमांक 94 के कुछ सेक्टर के अलावा योजना क्रमांक 94 सेक्टर जी में स्थित न्यू इंदिरा एकता नगर और चौहान नगर का भी व्यवस्थापन किया जाना है। इसी तरह योजना क्रमांक 38 के कुछ भाग के साथ ही योजना क्रमांक 97 भाग 4 में भी अवैध कॉलोनियों का व्यवस्थापन किया जाना है। प्राधिकरण ने कई योजनाओं में गृह निर्माण संस्थाओं के साथ अनुबंध भी किए, जिसके आधार पर पात्र सदस्यों को भूखंड आबंटित किए। अभी कई संस्थाओं के भूखंड विवादों के चलते आबंटन से शेष रह गए हैं।



हर चुनाव के पहले हुई अवैध कॉलोनी को वैध करने की घोषणा 



अवैध कॉलोनी को वैध करने की प्रक्रिया साल 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजिय सिंह के समय शुरू हुई। लेकिन घोषणा तक ही बात रही। फिर साल 2013 विधानसभा चुनाव के पहले 2012 में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की। इसके बाद 2017 में भी घोषणा हुई। साल 2019 में हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने सरकार के फैसले को पलटते हुए धारा 15 (ए) को शून्य कर दिया। फिर प्रक्रिया रुक गई। इसके बाद सितंबर 2021 में कॉलोनी वैध करने का नया अध्यादेश आया। इसे फरवरी 2022 में लागू किया लेकिन चुनाव आ गए। अब फिर प्रक्रिया की जा रही है।

 


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