SATNA. सतना जिले के चित्रकूट इलाके में कुपोषण का एक और नया मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया गया है। सरकार भले ही अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं का दावा करे लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। राज्य सरकार ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को पद से हटा दिया है और सुपरवाइजर को निलंबित कर दिया है। सतना जिले के यूपी-चित्रकूट एमपी सीमा क्षेत्र के नगर परिषद वार्ड क्रमांक 13 के अंतर्गत आने वाले सुरंगी टोला आंगनवाड़ी क्षेत्र की 7 वर्षीय गंभीर सैम बालिका के वीडियो प्रकाश में आने पर कलेक्टर अनुराग वर्मा ने सेवाओं में कमी के फलस्वरुप महिला बाल विकास के तीन कर्मचारियों पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही की है। बाल विकास परियोजना चित्रकूट-1 की परियोजना अधिकारी भाग्यवती पांडेय को मुख्यालय में नहीं रहने, योजनाओं की सतत मॉनिटरिंग एवं निगरानी नहीं करने और परियोजना क्षेत्र में आईसीडीएस की सेवाओं का लाभ उचित ढंग से नहीं पहुंचाने के आरोप में कमिश्नर रीवा को निलंबन का प्रस्ताव भेजा गया है।
आनन-फानन में महिला एवं बाल विकास की टीम पहुंची
इसी प्रकार क्षेत्र की सुपरवाइजर तत्कालीन पर्यवेक्षक सेक्टर चित्रकूट प्रीति पांडेय द्वारा क्षेत्र भ्रमण और हितग्राहियों के पोषण प्रबंधन हेतु पर्याप्त उपाय नहीं करने तथा विभाग की सेवाओं का समुचित पर्यवेक्षण नहीं करने के फलस्वरूप कलेक्टर अनुराग वर्मा ने सुपरवाइजर प्रीति पांडेय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। सुरंगी टोला क्षेत्र की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पूजा पांडेय को आंगनवाड़ी क्षेत्र के बच्चों के समुचित पोषण नहीं कर पाने एवं आईसीडीएस की संदर्भ सेवाओं को पहुंचाने में लापरवाही करने पर तत्काल प्रभाव से पद से पृथक कर दिया गया है। यहां के सुरंगी टोला में कुपोषित बालिका मिलने से खलबली मच गई है। कुपोषित बालिका का वीडियो वायरल होने पर आनन-फानन में महिला एवं बाल विकास की टीम बच्ची के पास पहुंची। यहां से कुपोषित बच्ची को नजदीक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। गौरतलब है कि चित्रकूट का मझगवां क्षेत्र कुपोषण को लेकर कुख्यात है। यहां पहले भी ऐसे मामले आ चुके हैं। चित्रकूट भी इसी ब्लॉक में आता है।
बच्ची का जन्म 2015 में हुआ था
महिला बाल विकास सतना के जिला कार्यक्रम अधिकारी सौरभ सिंह ने बताया कि चित्रकूट के वार्ड क्रमांक 13 के अंतर्गत आने वाला सुरंगी टोला सेक्टर में सोमवती नामक बालिका रहती है। बालिका का महिला बाल विकास की सेवाओं के साथ दो बार जुलाई 2019 और नवंबर 2020 में एनआरसी सामुदायिक केंद्र मझगवां में भर्ती कर उपचार किया गया है। 7 वर्षीय बच्ची का जन्म 2015 में हुआ था। कुपोषित बालिका अपने नाना के घर में रहती है। इसके नाना और मौसी मजदूरी करते हैं। बताया गया है कि चित्रकूट के वार्ड-13 में ज्यादातर मवासी अनुसूचित जनजाति के लोग रहते है। जानकारी के अनुसार इनकी जनसंख्या 580 है। बताया गया है कि इस वार्ड के आंगनबाड़ी केंद्र में 5 वर्ष तक के बच्चों की कुल 54 बच्चे रजिस्टर्ड हैं। मझगवां ब्लॉक के महिला एवं बाल विकास की चित्रकूट-1 परियोजना में 5 वर्ष तक के कुल 15875 बच्चे हैं। इनमें मध्यम श्रेणी के कमजोर 812 और 181 सैम बच्चे हैं।
सीएम ऑफिस को करना पड़ा हस्तक्षेप
इस मामले की खबर लगते ही सीएम शिवराज सिंह चौहान के ऑफिस ने निर्देश दिए। ऑफिस द्वारा किए गए ट्वीट में कहा गया कि बेटी सोमवती को जिला कलेक्टर सतना द्वारा अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। उसकी देखभाल की व्यवस्था की गई है। बिटिया को पूर्ण स्वास्थ्य लाभ दिया जाएगा और उसके उचित पालन पोषण की व्यवस्था भी होगी। इस मामले में जांच के लिए सोमवार को भोपाल से संचालक स्तर के अधिकारी के आने की खबर है। कहा जा रहा कि अतिरिक्त संचालक महिला एवं बाल विकास राजपाल कौर दीक्षित सतना मामले में जांच करने आएंगी।