GWALIOR: ऐतिहासिक ग्वालियर नगर निगम में नारी शक्ति का कब्जा,हर दूसरी सीट पर दिखेगी एक महिला

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Dev Shrimali
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GWALIOR:  ऐतिहासिक ग्वालियर नगर निगम में नारी शक्ति का कब्जा,हर दूसरी सीट पर दिखेगी एक महिला



GWALIOR News.  अबकी बार ग्वालियर में नगरीय निकाय चुनाव में 57 साल बाद कांग्रेस का कब्जा हो गया है. और नतीजे आने के बाद अब नए महापौर और पार्षदों के लिए परिषद की तैयारियां शुरू हो गई हैं। शहर के बैजाताल स्थित नगर परिषद (महापौर) कार्यालय में तैयारियां जोरों शोरों पर हैं। और अब की बार यहां एक खूबसूरत तस्वीर यह भी सामने आएगी की ग्वालियर परिषद भवन में महिला सशक्तिकरण की खूबसूरत तस्वीर देखने को मिलेगी। इसका कारण यह है कि निकाय चुनाव में अबकी बार महापौर के साथ-साथ सबसे ज्यादा महिला पार्षद चुनी गई हैं। शहर के 66 वार्डों में से 34 पर महिला पार्षद चुनी गई हैं। यानी आरक्षण से अधिक । मतलब अबकी बार पुरुष और महिला पार्षदों की संख्या बराबर है ।गौरतलब है कि नगरीय निकाय चुनाव में महिलाओं के टिकट को लेकर 50% फ़ीसदी आरक्षण था। इसी कारण अबकी बार पार्षद उम्मीदवार के रूप में सबसे ज्यादा महिलाएं मैदान में थी और नतीजे आने के बाद सबसे ज्यादा महिलाएं जीत कर आई हैं।ग्वालियर निकाय चुनाव में जीते पुरुषों और महिलाओं की संख्या लगभग बराबर है। इसी को लेकर कांग्रेस और बीजेपी का कहना है। कि ग्वालियर में अबकी बार महिला सशक्तिकरण का उदाहरण देखने को मिलेगा और यह सबसे खूबसूरत तस्वीर है शहर के विकास और उन्नति के लिए।अबकी बार नगर परिषद में महिलाओं की भागीदारी अहम है और उम्मीद है की शहर विकास के लिए चुनी गईं महिला पार्षद रॉल मॉडल होगी।





      भावना सबसे युवा पार्षद





इस परिषद में बीजेपी से जीती भावना सबसे कम उम्र यानी महज 21 साल की पार्षद हैं। उन्होंने इंटरमीडिएट किया है और स्टेनोग्राफर बनने के लिए शार्ट हैंड की पढ़ाई कर रहीं थीं । पिता दो बार पार्षद रह चुके है। भावना शुरू से ही अपने क्षेत्र के लोगों से घुली मिलीं थी। सीट दलित महिला के लिए आरक्षित हुई तो उनके मुहल्ले वालों ने चुनाव लड़ने को कहा। पिता भी राजी हो गए तो उन्होंने नामांकन भर दिया और वे भारी जन समर्थन से जीत भी गईं।



भावना कहतीं है कि जीत से वे खुश हैं और जिम्मेदारी को लेकर जागरूक भी । वे लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करूंगी ।





          ये कहते हैं राजनीतिक दल





बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ आशीष  कहते है कि उनकी सरकार ने जिस मंशा से महिलाओं को परिषद में पचास फीसदी आरक्षण देने का निर्णय लिया था उसका स्वरूप इस बार परिषद में देखने को मिलेगा। यह हमारे लिए हर्ष की बात है।



वही कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता आरपी सिंह भी इससे प्रफुल्लित हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस शुरू से ही महिला सशक्तिकरण की पक्षधर रही है। हम सबसे पहले संसद में बिल लेकर आये और प्रियंका गांधी में यूपी विधानसभा  चुनाव के समय टिकट वितरण में पचास फीसदी आरक्षण देकर साबित भी किया। अब ग्वालियर नगर निगम में नारी शक्ति की ताकत दिखेगी  महिलाएं किचन के साथ शहर के विकास की योजनाएं बनाकर एक उदाहरण पेश करेंगी।



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