अंकुश मौर्य, BHOPAL. एमपी सरकार ने एक दिन पहले 19 अक्टूबर को 1 हजार करोड़ का कर्ज ले लिया है। अब सरकार पर तीन लाख करोड़ का कर्ज हो चुका है। कर्ज तब लिया जाता है, जब वित्तीय हालत खस्ता हो। अब कर्ज केवल रुपयों में नहीं है, बल्कि डॉलर्स में लिया गया है। ग्लोबल स्किल पार्क के लिए डॉलर्स में कर्ज लिया गया। मगर अब कर्ज चुकाना महंगा पड़ने वाला है। क्योंकि डॉलर के मुकाबले रुपया गिर रहा है। दूसरी तरफ प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं हुआ है, लिहाजा डेडलाइन बढ़ानी पड़ी है।
30 एकड़ में बन रहा ग्लोबल स्किल पार्क
भोपाल के नरेला शंकरी में ग्लोबल स्किल पार्क का काम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट की लागत करीब-करीब 1 हजार 548 करोड़ रुपए है। सिंगापुर के तकनीकी परामर्श और सहयोग से ग्लोबल स्किल पार्क का निर्माण 30 एकड़ क्षेत्र में हो रहा है। इस प्रोजेक्ट के लिए एडीबी से 967.50 करोड़ का कर्ज मिला है, जबकि मध्यप्रदेश सरकार 580.50 करोड़ का निवेश कर रही है। प्रोजेक्ट दिसंबर 2022 के पहले पूरा हो जाना चाहिए था। लेकिन प्रोजेक्ट को देखकर लगता नहीं कि ये अगले साल तक भी पूरा होगा।
महंगा पड़ेगा डॉलर में लिया कर्ज
ये बात सरकार भी जानती है कि प्रोजेक्ट काफी महंगा पड़ने वाला है क्योंकि एडीबी ने 150 मिलियन अमेरिकी डॉलर का कर्ज दिया है। जिस समय कर्ज दिया था, उस समय डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत 75 रुपए थी और आज की तारीख में एक डॉलर में रुपए की कीमत है 80 रुपए से ज्यादा। नियम ये होता है कि यदि डॉलर में कर्ज लिया गया है तो वो डॉलर में ही चुकाना होगा यानी कर्ज लिया 900 करोड़ रुपए चुकाना होगा करीब 1200 करोड़ से ज्यादा क्योंकि रुपए की कीमत गिर रही है। यानी करीब 300 करोड़ रुपए ज्यादा चुकाना होगा।
ठेकेदार पर ठीकरा फोड़ रही सरकार
अब जो कंपनी ये काम कर रही है सरकार उसी पर धीमा काम करने का ठीकरा फोड़ रही है। पिछले दिनों एक कार्यक्रम में खुद सीएम ने ग्लोबल स्किल पार्क के धीमी गति से हो रहे काम को लेकर आपत्ति दर्ज की थी। ग्लोबल स्किल पार्क का ठेका गुजरात की एमसीएल कंपनी ने लिया है और जबलपुर की श्रीजी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड जबलपुर को बिल्डिंग बनाने का काम सौंपा गया है। बिल्डिंग का काम अधूरा है। द सूत्र ने श्री जी के कंसल्टेंट एस.के. गुप्ता से फोन पर बातचीत की तो उन्होंने कहा कि काम समय पर चल रहा है। कहीं कोई देरी नहीं हुई है। मार्च 2023 तक पूरा होगा।
100 करोड़ खर्च, ट्रेनिंग सिर्फ 240 को
30 एकड़ में बन रहे ग्लोबल स्किल पार्क के साथ दो और चरण थे। इसमें दस संभागीय मुख्यालयों पर आटीआई का निर्माण अभी चल ही रहा है और भोपाल में एक ग्लोबल सिटी सेंटर का निर्माण हो चुका है। ग्लोबल सिटी कैंपस को बनाने में 80 करोड़ रुपए खर्च किए गए। मगर यहां ट्रेनिंग सिर्फ 240 स्टूडेंट्स को मिलती है। सिटी कैंपस बनाने में करीब 20 करोड़ रुपए और मशीनरी पर 60 करोड़ रुपए खर्च किए गए है। यानी इंफ्रास्ट्रक्चर पर 80 करोड़ रुपए खर्च हुए है।
केवल एक ट्रेड में ही हो रही ट्रेनिंग
ग्लोबल स्किल पार्क में प्रशिक्षण के लिए जो ट्रेड तय किए गए हैं उनमें मेकाट्रोनिक्स, मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक्स, पॉवर एंड कंट्रोल, नेटवर्क एंड सिस्टम एडमिनिस्ट्रेशन, रेफ्रिजरेशन एंड एयर कंडिशनिंग, मैकेनिकल एण्ड इलेक्ट्रिकल सर्विसेज, ऑटोमोटिव, मैकेनिकल टेक्नोलॉजी, हॉस्पिटैलिटी और रिटेल है। लेकिन ग्लोबल स्किल्स पार्क सिटी कैंपस में केवल प्रिसिजन इंजीनियरिंग का कोर्स चलाया जाता है।