BHOPAL. चर्चित फिल्म 'द केरल स्टोरी' को मध्यप्रदेश में चार दिन बाद ही टैक्स फ्री करने की घोषणा को वापस ले लिया गया है। 6 मई को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 'द केरल स्टोरी' फिल्म को टैक्स फ्री करने का ऐलान किया था, लेकिन बुधवार (10 मई) को इस आदेश को निरस्त कर दिया गया। इस संबंध में मध्यप्रदेश वाणिज्यिक कर विभाग के उपसचिव आरपी श्रीवास्तव के साइन से पुराने आदेश को निरस्त कर दिया गया है। हालांकि 'द केरल स्टोरी' फिल्म को टैक्स फ्री करने के आदेश को वापस लेने की वजह स्पष्ट नहीं की गई है।
सबसे पहले एमपी में हुई थी टैक्स फ्री
'द केरल स्टोरी' के रिलीज होने से पहले ही इस फिल्म पर सियासत होने लगी थी। इसके बाद फिल्म को सबसे पहले एमपी की शिवराज सरकार ने 6 मई को टैक्स फ्री किया गया। इसके बाद 9 मई को यूपी की योगी सरकार ने 'द केरल स्टोरी' को टैक्स फ्री करने का ऐलान किया। हालांकि इसी बीच पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में 'द केरल स्टोरी' फिल्म को बैन कर दिया गया। फिल्म पर देशभर में जमकर सियासत हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा फिल्म का मामला
इसी बीच 'द केरल स्टोरी' पर रोक लगाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। फिल्म पर केरल हाईकोर्ट ने रोक लगाने से मना कर दिया है। जिसके बाद वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है और सुनवाई के लिए आग्रह किया है। चीफ जस्टिस ने मामले में 15 मई को सुनवाई की बात कही है।
एनसीपी नेता ने कही थी फिल्म मेकर्स को फांसी देने की बात
'द केरल स्टोरी' देखने के लिए सिनेमा घरों में भीड़ उमड़ रही है, वहीं इस पर सियासत भी तेज हो गई है। बंगाल में फिल्म को बैन कर दिया गया है और तमिलनाडु में इसे सिनेमा एसोसिएशन ने दिखाने से ही इनकार कर दिया है। इस बीच यूपी और मध्य प्रदेश में फिल्म टैक्स फ्री कर दिया था। इस फिल्म से जुड़ा विवाद अब महाराष्ट्र में भी पहुंच गया। यहां एनसीपी के सीनियर नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि इस फिल्म में झूठ दिखाया गया है। तीन लड़कियों की कहानी को 32 हजार का बताया गया है। उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा कि इस फिल्म को बनाने वालों को फांसी दी जानी चाहिए।