देव श्रीमाली , GWALIOR. मध्य प्रदेश के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ लगातार आंदोलन किया जा रहा है। इसी के तहत प्रदेशभर में इनके द्वारा दो दिन की क्रमिक भूख हड़ताल शुरू की गई है। ग्वालियर में भी एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा फूलबाग चौराहे पर भूख हड़ताल शुरू कर दी गई है। प्रदेश सरकार से उनकी मांगें जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की गई है। मांगे नहीं माने जाने की दशा में आगे उग्र आंदोलन की भी योजना है।
उन्हें सिर्फ आश्वासन मिल रहा है
एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के मीडिया प्रभारी कोमल सिंह का कहना है कि सरकार द्वारा पिछले कई सालों से इन्हें आश्वासन दिया जा रहा है, लेकिन न तो उनकी मांगे पूरी हुई है और न उनकी कोई सुनवाई की गई है मजबूरन उन्हें भूख हड़ताल पर बैठना पड़ रहा है। ग्वालियर में एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ से जुड़े 700 से अधिक कर्मचारी क्रमिक भूख हड़ताल में शामिल हैं तो वहीं प्रदेश भर में इनकी संख्या 30,000 से अधिक है।
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ये हैं मुख्य मांगे
उनका कहना है कि उनकी मुख्य मांग है कि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को क्रमोन्नति और पदोन्नति देते हुए स्वास्थ्य विभाग के खाली पड़े हुए पदों पर समायोजित किया जाएं, और एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का निष्कासन खत्म कर उनका वेतनमान सुचारू रूप से जारी किया जाए। इन मांगों को भी सरकार स्वीकार करने को भी तैयार नहीं है।
मांगे पूरी ना हुई तो तेज करेंगे आंदोलन
भूख हड़ताल पर बैठे स्वास्थ्य कर्मियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि इस बार वे अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। अगर अब भी सरकार ने उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं किया और समय रहते उनका निराकरण नहीं किया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। आगे की रणनीति भी मिलकर तय करेंगे। स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि वे अफने अधिकारों के लेकर सजग हैं। और अपनी इन मांगों को लेकर वो अपनी बात हर उचित मंच तक पहुंचा चुके हैं। लेकिन सिर्फ आश्वासन के कुछ नहीं मिला इसलिए आज आंदोलन करने को बाध्य हुए हैं।