इंदौर. यहां के हनुमान मंदिर प्रभातफेरी पर जुर्माना (fine) लगाने के बाद राजनीति (Politics) गरमा गई है। 27 दिसंबर को रणजीत हनुमान अष्टमी महोत्सव के अंतिम दिन। निकाली गई प्रभातफेरी के दौरान डिवाईडर में लगे पौधे बर्बाद हो गए थे। जिसके बाद निगमायुक्त प्रतिभापाल(Municipal Commissioner Pratipal) ने मंदिर प्रबंधक (temple manager) को 30 हजार को नोटिस भेजा था। इस नोटिस को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। और कांग्रेस इस हर्जाने को खुद भरने का ऐलान किया है।
दो साल बाद निकली भव्य यात्रा
हर साल की तरह इस बार भी रणजीत हनुमान मंदिर (Ranjit Hanuman Mandir) में पांच दिन चले अष्टमी महोत्सव के अंतिम दिन सोमवार को प्रभातफेरी निकाली गई थी। 133 साल पुरानी पंरपरा दो साल बाद अपने भव्य स्वरुप (gorgeous look) में मनाई गई। इस रैली में दस लाख (One million) से ज्यादा भक्तों ने बाबा के रथ को खीचा था। कोरोना की वजह से दो साल तक साधारण तरीके से उत्सव मनाया जा रहा था।
बीजेपी पर हमलावर हुई कांग्रेस
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलुजा (Narendra Saluja) ने कहा नगर निगम को कुछ दिन पहले नेहरु स्टेडियम में हुआ बीजेपी का बड़ा आयोजन नजर नही आया। जिसके कारण पूरा मैदान खराब हो गया था तब नगर निगम ने बीजेपी पर जुर्माना करने की हिम्मत नही दिखाई। वही प्रभातफेरी पर की गई जुर्माने की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला (MLA Sanjay Shukla) ने बीजेपी पर निशाना साधा। विधायक ने कहा कि नगर निगम को बीजेपी नेताओं के जुलूस-शोभा यात्रा से कोई परेशानी नही होती। उनकी यात्रा में फैलने वाला कचरा और हरियालि को होने वाला नुकसान भी नजर नही आता। नगर निगम ने बाबा की प्रभातफेरी से हरियाली को नुकसान (damage to greenery) हुआ कहते हुए 30 हजार का जुर्माना लगा दिया। कांग्रेस का कहना है कि हम निगम आयुक्त से मिलकर जुर्माने की राशि सौपेंगे और जनता की तरफ से माफी मांगेंगे।
कार्रवाई से भक्त नाराज
वही रणजीत हनुमान से जुड़े भक्तों ने निगम की कार्रवाई पर नाराजगी (resentment) जताई है। लेकिन मंदिर प्रबंधन (temple management) का कहना है कि बाबा के भक्त अनुशासन को मानने वाले है। अगर नगर निगम को लगता है की उसने इंदौर की सवच्छता के हित में निर्णय लिया है तो मंदिर के लोग निगम के अधिकारियों से बात करेंगे। बातचीत से शहारहित में जो निर्णय निकलेगा उसका पलान किया जाएगा