GUNA. गुना के बहुचर्चित आत्माराम पारदी केस में सीआईडी ने जिले की स्पेशल (SC/ST एक्ट) कोर्ट में एप्लिकेशन दिया है। इसमें सीआईडी ने फरार आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी करवा लिया है। यानी अब मुख्य आरोपी माने जा रहे निलंबित एसआई रामवीर सिंह कुशवाह उर्फ दाऊ और रघुराज सिंह तोमर उर्फ रोकड़ा आधिकारिक रूप से फरार आरोपी घोषित हो गए हैं।
आरोपियों की संपत्ति की जाएगी कुर्क
इस केस में आरोपियों के मददगारों पर भी कड़ा एक्शन हो सकता है। गिरफ्तारी न होने की दशा में आरोपियों की संपत्ति कुर्क की जाएगी। CID ने गुना और आगर-मालवा पुलिस से भी मदद मांगी है। पुलिस जल्द फरार आरोपियों पर इनाम भी घोषित कर सकती है। आत्माराम पारदी मामले में आरोपियों पर 2017 में केस दर्ज हुआ था। तब से हाल के महीनों तक पुलिस ने मामले को लगभग ठंडे बस्ते में रखा था। इस मामले में अब तक 4 लोगों पर केस दर्ज हुआ है। एक पुलिसकर्मी की गिरफ्तारी हो चुकी है। एक SI और 2 आरोपी फरार चल रहे हैं।
ये है पूरा मामला
गुना में धरनावदा इलाके के खेजरा गांव का रहने वाला आत्माराम पारदी साल 2015 में लापता हो गया था। परिवार ने पुलिस पर अपने साथ ले जाने का आरोप लगाए थे। उस पर गोली भी चलाई थी। उन्होंने ही उसे मार डाला। 2 साल बाद पुलिस ने केस दर्ज तो किया, लेकिन आरोपियों के खिलाफ सबूत नहीं जुटाए गए और ना ही उनकी गिरफ्तारी हो सकी। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया तत्कालीन SP ने जांच की, इसके बाद ग्वालियर आईजी ने इसकी जांच की। फिर सीआईडी को केस सौंपा गया। इसी साल पुलिस ने आत्माराम को लापता घोषित किया। उसे ढूंढने वाले या उसकी जानकारी देने वाले को 20 हजार रुपए इनाम देने की घोषणा की गई। भोपाल सीआईडी ने इस संबंध में निर्देश जारी किए थे।
आत्माराम पारदी 7 साल से लापता
आत्माराम पारदी के अपहरण और हत्या के आरोप भी पुलिस पर ही लगते रहे हैं। अपराध अनुसंधान विभाग भोपाल की तरफ से प्रेस नोट जारी किया। इसके अनुसार थाना धरनावदा जिला गुना के एक अपराध में लापता आत्माराम पारदी (25) को खोजने की काफी कोशिश की गई, लेकिन आज तक गुमशुदा का कोई पता नहीं चल सका है। एडीजी, सीआईडी कुमार सौरभ ने उसे ढूंढने के लिए इनाम घोषित किया । उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति उसे ढूंढेगा या उसकी जानकारी देगा, उसे 20 हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा।
ASI से लेकर ASP तक रहे जांच अधिकारी
स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार जानकारी मिली है कि 5 साल के दौरान केस के 15 विवेचक बदले गए। 3 मार्च 2017 को झागर पुलिस चौकी के इंचार्ज ASI शाकिर अली ने आत्माराम की गुमशुदगी की जांच शुरू की। इसके बाद SI बलवीर मावई, DSP अनुराग पांडे, DSP रवि भदौरिया, बीपी तिवारी, विवेक शर्मा जांच अधिकारी रहे। एक आरोपी दिनेश गुर्जर दीनू उर्फ बनिया की गिरफ्तारी के अगले ही दिन केस की डायरी तत्कालीन IG ग्वालियर राजा बाबू सिंह ने मंगा कर विवेचना DSP देवेंद्र कुशवाह को सौंप दी।
इसके बाद DSP महावीर मुजाल्दे, DSP अवनीश बंसल, DSP अरविंद ठाकुर, ASP मंजीत चावला, DSP वीरेंद्र तोमर को केस की जांच की जिम्मेदारी दी गई। इस दरम्यान आत्माराम को लापता घोषित कर दिया गया। इसके बाद DSP भारत भूषण शर्मा फिर DSP चंचल नागर को इंवेस्टिगेशन का जिम्मा सौंपा गया। जब हाईकोर्ट ने 19 दिसंबर को केस की स्टेटस रिपोर्ट मंगाई, तब 4 दिसंबर को 15 वें विवेचक के तौर पर DSP सतीश चतुर्वेदी के नेतृत्व में SIT को जांच का जिम्मा सौंपा गया। वर्तमान में सतीश चतुर्वेदी के नेतृत्व में पूरी कार्रवाई की जा रही है।
फरार आरोपियों के गिरफ्तारी वारंट जारी
21 दिसंबर 2022 (बुधवार) को CID ने स्पेशल कोर्ट में एप्लिकेशन देकर गिरफ्तारी वारंट जारी कराए हैं। आरोपी सब इंस्पेक्टर रामवीर सिंह कुशवाह निवासी सोनी कॉलोनी गुना और रघुराज सिंह तोमर उर्फ रघु रोकड़ा निवासी कर्माखेड़ी रूठियाई को गिरफ्तार करने CID की 3 टीमें लगातार दबिश दे रहीं हैं। आरोपियों से संपर्क और उन्हें सहयोग कर रहे व्यक्तियों पर भी धारा 212 आईपीसी के तहत अपराधी को शरण देने और छिपाने के आरोप में कार्रवाई की भी तैयारी है।
CID ने 23 पन्नों की स्टेटस रिपोर्ट पेश की
पिछले महीने हाईकोर्ट ने CID से स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था। सीआईडी ने 23 पन्नों की स्टेटस रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में बताया गया कि मुख्य आरोपी निलंबित सब इंस्पेक्टर रामवीर सिंह कुशवाह के खिलाफ इनाम के लिए लेटर भेजा गया है। आगर-मालवा एसपी से चल-अचल संपत्ति की जानकारी जुटाई जा रही है। आरोपी के रूठियाई के फार्म हाउस और सोनी कॉलोनी गुना के घर पर तलाश की गई, लेकिन नहीं मिला। दतिया और झांसी में भी तलाश की गई।
12 दिसंबर से गैर हाजिर है रामवीर
रिपोर्ट में बताया गया है कि आरोपी SI 12 दिसंबर 2022 से आगर मालवा जिले के संबंधित थाने से गैरहाजिर है। इस वजह से उस पर अब तक कोई कार्रवाई हुई हो, इसका कोई उल्लेख नहीं मिलता। आगर मालवा पुलिस ने निलंबन आदेश भेजे जाने की बात कही है। पुलिस ने यह भी कहा कि आरोपी का शस्त्र लाइसेंस सस्पेंड करने और हथियार जब्त करने की कार्रवाई की जा रही है। इसी तरह एक और आरोपी दीनू उर्फ दिनेश गुर्जर के लाइसेंस निलंबित करने के लिए शिवपुरी एसपी को पत्र लिखा गया है। आरोपी योगेंद्र सिसोदिया को गिरफ्तार किया जा चुका है। सीआईडी के वकील ने कोर्ट से आगामी कार्यवाही के लिए 20 दिन की मोहलत मांगी। इसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
9 दिन पहले ही आरक्षक की गिरफ्तारी
9 दिन पहले ही इस केस में CID ग्वालियर ने आरक्षक योगेंद्र सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। CID ने उसे स्पेशल कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे एक दिन की रिमांड पर भेजा गया है। CID ने उसकी गिरफ्तारी की सूचने फरियादी सुलोचना पारदी को भी दी थी।
बर्खास्त आरक्षक के पिता ने पीएम को लिखा पत्र
इसी केस में बर्खास्त आरक्षक नीरज जोशी उर्फ टोनी के पिता कुलदीप जोशी ने तीन दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखा है। उन्होंने आत्माराम केस के मुख्य आरोपी सब इंस्पेक्टर रामवीर सिंह पर बेटे नीरज को मानसिक रूप से त्रस्त कर नौकरी से बर्खास्त कराने और एनडीपीएस एक्ट के झूठे केस में फंसाने के आरोप लगाया है। जेल में बंद नीरज की सुरक्षा पर आशंका जाहिर कर खुद की सुरक्षा भी मांगी है। उन्होंने लिखा- बेटे ने केस में जिस दिन गवाही दी, उसी के बाद से उसे प्रताड़ित किया जाने लगा।