ग्वालियर. कमलाराजा अस्पताल में मौसमी बीमारी के चलते हॉस्पिटल में बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। हॉस्पिटल में लगातार दूसरे दिन दो बच्चों की मौत हुई। 48 घंटे में चार मासूम ने अव्यवस्था के चलते दम तोड़ दिया है। बच्चे मौसमी बीमारियों के चलते कमलाराजा के पीडियाट्रिक आइसीयू (ICU) व वॉर्ड में भर्ती हो रहे हैं। यहां 36 बेड के पीडियाट्रिक वार्ड में अभी भी 80 से ज्यादा बच्चे भर्ती हैं। एक बेड पर 3 तो कहीं चार बच्चों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।
बेड कम, बच्चे ज्यादा
ग्वालियर में डेंगू, वायरल और दिमागी बुखार के पीड़ित बच्चे काफी संख्या में मिल रहे हैं। KRH अस्पताल में सोमवार, 27 सितंबर को जिन दो बच्चों की मौत हुई थी उनको दिमागी बुखार बताया गया था। मंगलवार, 28 सितंबर को रात में जिन दो बच्चों ने दम तोड़ा है उनको दिमागी बुखार नहीं था। वह अलग-अलग रोग से पीड़ित थे। पर बुखार उनको भी आ रहा था। मुरार जिला अस्पताल के पीडियाट्रिक वार्ड में 12 बेड पर 20 से ज्यादा बच्चे भर्ती हैं। जयारोग्य और कमलाराजा अस्पताल की तरह जिला अस्पताल मुरार की भी स्थिति चिंताजनक है। यहां बेड फुल होने से मरीज को वार्ड के फ्लोर पर भर्ती करना पड़ रहा है। यहां 12 बेड के पीडियाट्रिक वार्ड में 20 से ज्यादा बच्चे भर्ती हैं।
सेप्टीसीमिया में क्या होता है?
मंगलवार को जिन बच्चों की मौत हुई है उनमें भिंड गोहद निवासी 10 साल की बच्ची तमन्ना है इस बच्ची को सेप्टीसीमिया हुआ था। जिस कारण बुखार आने के बाद उसकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। सेप्टीसीमिया के कारण प्लेटलेट गिरना, बुखार, सर्दी,जुकाम, निमोनिया के अलावा नाक-मुंह से खून बहना या फिर नसों में खून का जमना, नसों से खून निकलना चालू हो जाता है। दूसरा बच्चा मुरैना का आरव है। इसके दिल में छेद होने साथ ही लगातार बुखार आ रहा था।