संजय गुप्ता, INDORE. ग्वालियर के ड्राइवर के रसूख के आगे इंदौर पुलिस झुक गई। इस कारण ड्यूटी पर मौजूद ट्रैफिक पुलिस के हेड कॉस्टेबल की जान लेने की कोशिश करने वाले पर हत्या की कोशिश का केस नहीं हो सका। नतीजतन ड्राइवर को थाने से ही जमानत मिल गई।
लगाना थी हत्या की कोशिश की धारा, लगाई दुर्घटना की धारा
आरोपी कार चालक केशव उपाध्याय पर हत्या की कोशिश की धारा लगनी थी। लेकिन पुलिस ने उस पर 353 यानी शासकीय काम में बाधा, धारा 279 यानी दुर्घटना और धारा 332 यानी लोक सेवक को डराने की धाराएं लगाई।
आरोपी ने कार से उतर कर कहा था- लो गृह मंत्री से बात कर लो
मामला सोमवार यानी 12 दिसंबर का है, जब सत्य सांई चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस के हेड कांस्टेबल शिवपाल सिंह चौहान ड्यूटी पर थे। तभी देवास नाके से चौराहे की ओर ड्राइवर केशव उपाध्याय मोबाइल पर बात करते हुए आया, उसे हेड कॉन्स्टेबल ने रोका। ड्राइवर कार से उतरा और कहा मेरा चालान कौन बनाएगा और कहकर कार में बैठ गया। फिर कार स्टार्ट कर हेड कांस्टेबल से कहा सामने से हट जा। जब प्रधान आरक्षक नहीं हटा तो ड्राइवर ने उन्हें टक्कर मार दी। इसके बाद हेड कांस्टेबल ने बचने के लिए बोनट पकड़ लिया। ड्राइवर ने कार तेज कर सिग्नल तोड़ा और ब्रेक मारकर उन्हें गिराने की कोशिश की। जैसे-तैसे कार रुकवाई गई। कार रूकने पर ड्राइवर ने शीशा उतारा और मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों से कहा कि गृह मंत्री से बात कर लो।
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थाने में ही अधिकारियों के बजने लगे थे फोन
सूत्रों के अनुसार, थाने में थाने में केस बनते समय आरोपी ड्राइवर के चेहरे पर शिकन नहीं थी। वह किसी को फोन कर अधिकारियों से बात करने के लिए कह रहा था। वह कह रहा था यह लो बात कर लो गृह मंत्री का फोन है। हालांकि थाने पर किसी ने फोन पर बात नहीं की, लेकिन कुछ ही देर में वरिष्ठ अधिकारियों के फोन बजने शुरू हो गए और थाना प्रभारी व अन्य को मैसेज संदेश आने लगे। इसके बाद ही फरियादी हेड कांस्टेबल को समझाया कि यह हत्या की कोशिश का केस नहीं है।