संजय गुप्ता, INDORE. भू-माफिया चंपू उर्फ रितेश अजमेरा, चिराग शाह, नीलेश अजमेरा, हैप्पी उर्फ जितेंद्र धवन, महावीर जैन, निकुल कपासी एक मई को हाजिर हो… यह आदेश हाईकोर्ट इंदौर बेंच ने बुधवार (19 अप्रैल) को सुनवाई के दौरान दिए। हाईकोर्ट ने साफ कर दिया कि हम आश्वस्त होना चाहते हैं कि वह क्या कर रहे हैं और क्या वाकई इसके लिए गंभीर है। आरोपियों के अधिवक्ताओं ने इसे लेकर तमाम दलील दी कि उन्हें पेश नहीं होना पड़े> लेकिन हाईकोर्ट ने सख्ती से साफ कर दिया इसके बिना मैं आपको नहीं सुनुंगा। आरोपियों के अधिवक्ताओं ने यहां तक कहा कि हम उन्हें वर्चुअल पेश होने के लिए कर देते हैं, लेकिन हाईकोर्ट ने साफ इंकार कर दिया। इसी दिन इन सभी की जमानत निरस्त करने के मामले में सभी सुनवाई होगी, यानी साफ है कि पीड़ितों के लिए यह भू-माफिया कुछ नहीं कर रहे हैं तो जेल जाने के लिए तैयार रहें।
भू-माफिया नीलेश को लेकर भड़का हाईकोर्ट
शुरुआत नीलेश अजमेरा जो भूमाफिया चंपू अजमेरा का भाई है। उसे लेकर हुई, शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि वह भगोड़ा है, इनाम घोषित है, लेकिन कभी पकड़ा ही नहीं गया। इसलिए उसकी जमानत निरस्ती का आवेदन भी नहीं लग पा रहा है, क्योंकि भगोड़ा होने के कारण उसने कभी जमानत ही नहीं ली। जबकि कालिंद गोल्ड कंपनी उन्हीं ने बनाई, दो बैंक खातों में वह हस्ताक्षर कर्ता है। नीलेश पर 27 केस दर्ज है, उस पर पुलिस ने इनाम तक घोषित कर रखा है। इस पर उनके अधिवक्ता ने आपत्ति ली कि वह ब्रिटिश नागरिक है, पुलिस इंदौर के पते पर नोटिस भेजेगी तो वह कैसे आएगा, उसका कहीं नाम नहीं है। इस पर हाईकोर्ट ने ही उनसे पूछ लिया वह कहां पर है? इस पर नीलेश के अधिवक्ता ने कहा मैं इस बारे में नहीं जानता हूं, तब हाईकोर्ट ने फिर कहा कि आपको कोर्ट में आने से पहले जानकारी रखना चाहिए। फिर अधिवक्ता ने कहा कि मैं उन्हें वर्चुअल पेश करा देता हूं। इस पर हाईकोर्ट ने साफ मना कर दिया कि पहले उन्हें यहां पेश कराओ इसके बाद ही आपको सुना जाएगा।
चंपू और बाकी आरोपी कहां हैं? भारत में या कहीं और?
इसके बाद हाईकोर्ट ने चंपू व अन्य आरोपियों के बारे में जिनकी जमानत निरस्ती का आवेदन प्रशासन ने लगाया है, उस पर पूछा कि यह सभी कहां है भारत में या कहीं और। इस पर कहा गया कि भारत में हैं, लेकिन कई लोग सामने नहीं आ रहे हैं। इस पर हाईकोर्ट ने एक-एक कर सभी के नाम पूछे, इसमें चंपू के साथ चिराग शाह, महावीर जैन, निकुल कपासी, हैप्पी उर्फ जितेंद्र धवन इन सभी के नाम आए। चंपू की पत्नी योगिता का भी नाम सामने आया। हाईकोर्ट ने कहा कि जिनके खिलाफ जमानत निरस्ती आवेदन लगे हैं, जिन्हें पीड़ितों का सेटलमेंट करना है वह सभी एक मई को हाईकोर्ट में पेश हो। चंपू को लेकर उनके अधिवक्ताओं ने कहा कि उसका इस केस से लेना-देना नहीं है, वह कालिंदी में नहीं है। इस पर शासकीय अधिवक्ताओं ने कहा कि ट्रांजेक्शन से लेकर एफआईआर तक में उसका नाम है, वह कालिंदी में कहीं से भी अलग नहीं है।
हम आश्वस्त होना चाहते हैं कि वह सैटलमेंट नहीं करना चाहते
कुछ पीड़ितों के अधिवक्ताओं ने कहा कि साल 2013 से यह लोग घोटाले कर रहे हैं, साल 2016 में इन पर पहली एफआईआर हुई थी लेकिन इसके बाद से सभी पीड़ित न्याय के लिए लड़ रहे हैं। हाईकोर्ट ने सभी की बात सुनकर कहा कि पहले सभी आरोपी कोर्ट में पेश हो, कोर्ट इस मामले मे आश्वस्त होना चाहती है कि जो सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी को सैटलमेंट के लिए कहा है जिस आधार पर जमानत दी गई है, क्या वाकई यह सैटलमेंट करना चाहते हैं या नहीं। इन सभी को कोर्ट में पेश होना होगा।
भू-माफियाओं के अधिवक्ताओं से बोला- हाईकोर्ट यह आप लोगों के लिए मुश्किल
भूमाफियाओं के अधिवक्ताओं ने बचाव के लिए कई सार तर्क दे डाले, कहा कि नीलेश की ब्रिटिश नागरिकता है, चालान में उसका नाम नहीं है, उस पर कोई मामला नहीं बनता है। इस पर हाईकोर्ट ने एक ही सवाल किया- आप तो यह बताइए उन्हें कब हाईकोर्ट में पेश कर रहे हैं? इस पर अधिवक्ता ने कहा यह तो मुश्किल होगा। इस पर हाईकोर्ट ने कहा यह आपके लिए मुश्किल होगा।
सबसे बड़ा सवाल वह ब्रिटिश नागरिक तो कॉलोनी कैसे काटी?
सबसे बड़ा सवाल यही है कि नीलेश के पास यदि ब्रिटिश पासपोर्ट और नागरिकता है तो फिर आखिर उसने इंदौर में एक के बाद एक कई कॉलोनियां कैसे काट दी। कई जगह शिकायतों में, ट्रांजेक्शन में उसका नाम है, जबकि ब्रिटिश नागरिक या विदेशी व्यक्ति को तो कॉलोनी लाइसेंस, कॉलोनी डेवलपमेंट मंजूरी ही नहीं मिलती है।
पूरा अजमेरा परिवार ही उलझा हुआ है
भू-माफिया चंपू अजमेरा अपने परिवार में इकलौता घोटालेबाज नहीं हैं, उसकी पत्नी योगिता, भाई नीलेश अजमेरा, उसकी पत्नी सोनाली अजमेरा, इनके पिता पवन अजमेरा, सभी पर किसी ना किसी एफआईआर में नाम शामिल है। इस मामले में चंपू, पवन अजमेरा इन सभी की गिरफ्तारी हो चुकी है, फिर जमानत पर बाहर आए, लेकिन नीलेश कभी भी पुलिस की पकड़ में नहीं आया और वह आज तक फरार है, पुलिस उस पर ईनाम घोषित कर चुकी लेकिन कभी पकड़ नहीं सकी।