इंदौर में सेटेलाइट हिल में हर पीड़ित के मुंह पर भूमाफिया चंपू का ही नाम, उधर कमेटी में दो दिन सुनवाई बाद, 26 मई को सभी को बुलाया

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BP Shrivastava
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इंदौर में सेटेलाइट हिल में हर पीड़ित के मुंह पर भूमाफिया चंपू का ही नाम, उधर कमेटी में दो दिन सुनवाई बाद, 26 मई को सभी को बुलाया

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में हाईकोर्ट के आदेश से गठित हाईकोर्ट रिटायर जज की कमेटी के सामने तीसरी कॉलोनी सेटेलाइट हिल की शिकायतों पर सुनवाई के दौरान सभी पीड़ितों के मुंह से एक ही नाम निकल रहा है- भूमाफिया चंपू का। मंगलवार को 50 से ज्यादा पीड़ित कमेटी के सामने हाजिर हुए और सभी के आवेदनों में चंपू अजमेरा द्वारा धोखाधड़ी करने की बात लिखित में दी गई, साथ में कई आवेदनों में उनकी पत्नी योगिता अजमेरा को भी सह आरोपी बताया गया। उधर, कमेटी में 24 और 25 मई दो दिन सुनवाई नहीं होगी। वहीं कमेटी की सुनवाई के दौरान बताया गया कि सभी को 26 मई को बुलाया गया है। कालिंदी गोल्ड, फिनिक्स कॉलोनी के पीड़ित भी पहुंचे थे वहां सभी से सूचना पत्र पर हस्ताक्षर लिए गए और सभी को 26 को आने के लिए कहा गया है। 



सेटेलाइट में सबसे बड़ा मुद्दा, जमीन किसकी यही तय नहींजब प्रशासन की कमेटी ने सुनवाई की थी तब 71 कुल शिकायतें आई थी जिसमें 49 रजिस्ट्री धारक और 22 रसीद पर सौदे करने वाले थे। इसमें से केवल रजिस्ट्रीधारक वाले 27 निपटे थे। सोमवार को 21 शिकायतें हाईकोर्ट की गठित कमेटी के सामने पहुंची तो मंगलवार को भी 50 पीड़ितों ने शिकायत दर्ज कराई। लेकिन इस कॉलोनी में सबसे बड़ा मुद्दा जमीन के स्वामित्व का ही है, क्योंकि एक और कॉलोनी के पुराने मालिक कैलाश गर्ग ने बैंकों से करोड़ों का कर्जा उठा रखा है तो वहीं इसमें कुछ किसानों की जमीन भी नक्शे में शामिल है, जिसका सौदा पूरा हुआ ही नहीं और कुछ लोगों ने टीएंडसीपी से नक्शा ही किसानों के गलत हस्ताक्षर के जरिए पास करा लिया। ऐसे में कमेटी पीड़ितों को कब्जा देने का भी बोलती है तो भी स्वामित्व का विवाद बना रहेगा।

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कमेटी कॉलोनी लांच से अभी तक जुड़े डायरेक्टरों को बुलाएगी



कमेटी पहले ही तय कर चुकी है कि कालिंदी और फिनिक्स की तरह सेटेलाइट में भी कॉलोनी लांच करने से लेकर अभी तक जितने भी डायरेक्टर, डेवलपर्स इसमें जुड़े हुए हैं इन सभी को एक दिन बुलाकर आमने-सामने कराया जाएगा। इसमें भूमाफिया चंपू अजमेरा और उनकी पत्नी योगिता के साथ ही कैलाश गर्ग, विकास गुलाटी, मोहनचुग की भी भूमिका शामिल है। कमेटी इन सभी को बुलाकर आमने-सामने कराएगी। 



चंपू, गर्ग, गुलाटी, चुघ इनकी यह है भूमिका



सेटेलाइट कॉलोनी से नारायाण अंबिका इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रालि. कंपनी के डायरेक्टर चंपू अजमेरा, योगिता अजमेरा, भगवानदास होतवानी, रश्मि पिता कैलाशचंद घर्ग, एवलांच रियलिटी प्रालि, नितेश चुग पिता मोहनलाल चुग, महेश वाधवानी पिता टेकचंद वाधवानी और कैलाशचंद्र गर्ग पिता बाबूलाल गर्ग सभी जुड़े रहे हैं। 



कंपनी में बार-बार बदलते गए डायरेक्टर



सेटेलाइट कॉलोनी साल 2008 में लांच हुई जो एवलांच कंपनी ने लांच की थी, इसमें नितेश चुग और उनके पिता मोहन चुग थे। बाद में दोनों हटे और कंपनी में कैलाश गर्ग और सुरेश गर्ग, फिर प्रेमलता गर्ग और भगवानदास होतवानी बी आ गए। गर्ग ने बैंक में जमीन का कुछ हिस्सा गिरवी रखकर 110 करोड़ का लोन ले लिया। कंपनी ने 10 अप्रैल 2008 को प्रस्ताव पास कर चंपू को डेवलपर्स बना दिया और सौदे करने के लिए पॉवर दे दी। वहीं नारायण एंड अंबिका साल्वेक्स इफ्रास्ट्रक्चर कंपनी बनी, जिसमें चंपू और उनकी पत्नी योगिता को साल 2005 में डायरेक्टर बने और साल 2009-10 तक रहे। अब सभी पक्षकार एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं और पीड़ित परेशान है।


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