BHOPAL. मध्यप्रदेश में चुनावी साल है और इसलिए अब हर समाज राजधानी भोपाल में अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहा है। जाट सम्मेलन के बाद रविवार को अब भोपाल के जंबूरी मैदान में ब्राह्मण समाज का महाकुंभ आयोजित हुआ। इसमें प्रदेशभर से समाज के लोग जुटे। इसे हुंकार रैली भी कहा जा रहा है, जिसका मकसद अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाना है। सीएम शिवराज ने घोषणा की कि भगवान परशुराम जी की जयंती के दिन शासकीय अवकाश रहेगा।
भगवान परशुराम जी की जयंती के दिन शासकीय अवकाश रहेगा। pic.twitter.com/vh7zwdTbby
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 4, 2023
संस्कृत के छात्रों के लिए घोषणा
कक्षा 1 से लेकर 5 तक के संस्कृत के छात्रावासी विद्यार्थियों को ₹8 हजार रुपये और कक्षा 6 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को ₹10 हजार प्रदान किए जाएंगे। pic.twitter.com/KonuFNNDQO
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सीएम शिवराज ने कहा कि कक्षा 1 से लेकर 5 तक के संस्कृत के छात्रावासी विद्यार्थियों को 8 हजार रुपए और कक्षा 6 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को 10 हजार रुपए दिए जाएंगे।
पुजारियों के लिए ऐलान
हमने ये फैसला किया है, मध्यप्रदेश में मंदिर की जमीन की नीलामी अब केवल पुजारी ही करेंगे। pic.twitter.com/W3ZToehwp4
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सीएम शिवराज ने कहा कि हमने ये फैसला किया है, मध्यप्रदेश में मंदिर की जमीन की नीलामी अब केवल पुजारी ही करेंगे। इसके साथ ही सीएम शिवराज ने पुजारियों को 5 हजार रुपए मानदेय देने का ऐलान किया।
लव जिहाद को लेकर सीएम की चेतावनी
मध्यप्रदेश में लव तो चल सकता है, लेकिन जिहाद नहीं... pic.twitter.com/lgDrvZo5HY
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सीएम शिवराज ने कहा कि मध्यप्रदेश में लव तो चल सकता है, लेकिन जिहाद नहीं...
ब्राह्मण समाज की मांग
ब्राह्मण समाज ने प्रदेश में ब्राह्मण आयोग का गठन की मांग की, जिसमें अध्यक्ष राजनीतिक व्यक्ति को ना बनाकर सामाजिक काम करने वालों को ही अध्यक्ष बनाने की मांग की है। वहीं एट्रोसिटी एक्ट के तहत बिना जांच के FIR और गिरफ्तारी ना किए जाने की मांग भी उठाई। समाज के पदाधिकारियों ने ब्राह्मण वर्ग को जनसंख्या के अनुपात में मध्यप्रदेश में 14 प्रतिशत आरक्षण का लाभ जाने की भी बात कही। जिन सीटों पर सवर्ण चुनाव लड़ सकते हैं, वहां OBC और SC/ST को टिकट ना दिए जाने की मांग की गई है।
'जिस समाज में सभी नेता बन जाते हैं, वो समाज उत्थान नहीं कर पाता'
ब्राह्मण महाकुंभ में द्वारिकापीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि ब्राह्मणों में अनेकता होने के कारण दूसरे लोग आप पर शासन करते हैं। जिस समाज में सभी नेता बन जाते हैं, वो समाज उत्थान नहीं कर पाता। ब्राह्मण हर पार्टी में चला गया है। अब दलगत राजनीति से ऊपर उठकर अपने समाज का उत्थान करें। जिस जाति से आपके माता-पिता हैं, वो जाति कभी परिवर्तित नहीं की जा सकती। इसलिए किसी को भी धर्म परिवर्तन करने की आज्ञा प्रदान नहीं की जाती है। उन्होंने कहा कि मंदिरों पर शासन करने का अधिकार सरकार को नहीं है। धर्मनिरपेक्ष सरकार किसी भी मंदिर का अधिग्रहण कैसे कर सकती है।
ये हैं मांगें
- भगवान परशुराम जन्मोत्सव पर राष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए। भारत के सभी मंदिरों को शासन के नियंत्रण से मुक्त रखा जाए। इनका नियंत्रण मंदिर के संस्थानों को साथ दिया जाए।
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हमें नीतियां चाहिए, घोषणाएं नहीं
अखिल भारतीय राष्ट्रीय एकता परिषद के राष्ट्रीय सचिव अवधेश उरमलिया ने कहा कि हमारी 11 सूत्रीय मांगों पर यदि विचार नहीं किया जाता है तो हम उस पार्टी का खुलकर विरोध करेंगे। तेलंगाना में ब्राह्मण आयोग बनाया गया, जब वे कर सकते हैं तो मध्यप्रदेश क्यों नहीं। हमें नीतियां चाहिए घोषणाएं नहीं। स्पष्ट संदेश है कि मांगें पूरी नहीं होती हैं तो चुनाव में सत्ता पक्ष का विरोध किया जाएगा।