भोपाल में ब्राह्मण महाकुंभ में CM शिवराज ने की घोषणा, भगवान परशुराम की जयंती के दिन रहेगा शासकीय अवकाश; पुजारियों का मानदेय बढ़ाया

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Rahul Sharma
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भोपाल में ब्राह्मण महाकुंभ में CM शिवराज ने की घोषणा, भगवान परशुराम की जयंती के दिन रहेगा शासकीय अवकाश; पुजारियों का मानदेय बढ़ाया

BHOPAL. मध्यप्रदेश में चुनावी साल है और इसलिए अब हर समाज राजधानी भोपाल में अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहा है। जाट सम्मेलन के बाद रविवार को अब भोपाल के जंबूरी मैदान में ब्राह्मण समाज का महाकुंभ आयोजित हुआ। इसमें प्रदेशभर से समाज के लोग जुटे। इसे हुंकार रैली भी कहा जा रहा है, जिसका मकसद अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाना है। सीएम शिवराज ने घोषणा की कि भगवान परशुराम जी की जयंती के दिन शासकीय अवकाश रहेगा।




— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 4, 2023



संस्कृत के छात्रों के लिए घोषणा




— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 4, 2023



सीएम शिवराज ने कहा कि कक्षा 1 से लेकर 5 तक के संस्कृत के छात्रावासी विद्यार्थियों को 8 हजार रुपए और कक्षा 6 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को 10 हजार रुपए दिए जाएंगे।



पुजारियों के लिए ऐलान




— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 4, 2023



सीएम शिवराज ने कहा कि हमने ये फैसला किया है, मध्यप्रदेश में मंदिर की जमीन की नीलामी अब केवल पुजारी ही करेंगे। इसके साथ ही सीएम शिवराज ने पुजारियों को 5 हजार रुपए मानदेय देने का ऐलान किया।



लव जिहाद को लेकर सीएम की चेतावनी




— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 4, 2023



सीएम शिवराज ने कहा कि मध्यप्रदेश में लव तो चल सकता है, लेकिन जिहाद नहीं...



ब्राह्मण समाज की मांग



ब्राह्मण समाज ने प्रदेश में ब्राह्मण आयोग का गठन की मांग की, जिसमें अध्यक्ष राजनीतिक व्यक्ति को ना बनाकर सामाजिक काम करने वालों को ही अध्यक्ष बनाने की मांग की है। वहीं एट्रोसिटी एक्ट के तहत बिना जांच के FIR और गिरफ्तारी ना किए जाने की मांग भी उठाई। समाज के पदाधिकारियों ने ब्राह्मण वर्ग को जनसंख्या के अनुपात में मध्यप्रदेश में 14 प्रतिशत आरक्षण का लाभ जाने की भी बात कही। जिन सीटों पर सवर्ण चुनाव लड़ सकते हैं, वहां OBC और SC/ST को टिकट ना दिए जाने की मांग की गई है।



'जिस समाज में सभी नेता बन जाते हैं, वो समाज उत्थान नहीं कर पाता'



ब्राह्मण महाकुंभ में द्वारिकापीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि ब्राह्मणों में अनेकता होने के कारण दूसरे लोग आप पर शासन करते हैं। जिस समाज में सभी नेता बन जाते हैं, वो समाज उत्थान नहीं कर पाता। ब्राह्मण हर पार्टी में चला गया है। अब दलगत राजनीति से ऊपर उठकर अपने समाज का उत्थान करें। जिस जाति से आपके माता-पिता हैं, वो जाति कभी परिवर्तित नहीं की जा सकती। इसलिए किसी को भी धर्म परिवर्तन करने की आज्ञा प्रदान नहीं की जाती है। उन्होंने कहा कि मंदिरों पर शासन करने का अधिकार सरकार को नहीं है। धर्मनिरपेक्ष सरकार किसी भी मंदिर का अधिग्रहण कैसे कर सकती है।



ये हैं मांगें




  • भगवान परशुराम जन्मोत्सव पर राष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए। भारत के सभी मंदिरों को शासन के नियंत्रण से मुक्त रखा जाए। इनका नियंत्रण मंदिर के संस्थानों को साथ दिया जाए।


  • ब्राह्मण अत्याचार निवारण अधिनियम एक्ट बनाया जाए। कथावाचक, साधु-संतों और ब्राह्मण समाज पर अपशब्द बोलने और अपमानित किए जाने की दशा में कठोर कार्रवाई का प्रावधान किया जाए।

  • ब्राह्मण समाज को विभिन्न सामाजिक धार्मिक और लोक कल्याणकारी गतिविधियों के लिए 5 एकड़ भूमि आवंटित की जाए।

  • समाज के छात्र-छात्राओं के लिए शासन जिला और तहसील स्तर पर छात्रावास की व्यवस्था करे। नाम परशुराम छात्रावास रखा जाए।

  • OBC की तरह 8 लाख से नीचे आय वाले ब्राह्मणों को आयुष्मान योजना का लाभ दिया जाए। स्टूडेंट्स को फ्री सरकारी आवेदन की पात्रता दी जाए।



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    हमें नीतियां चाहिए, घोषणाएं नहीं



    अखिल भारतीय राष्ट्रीय एकता परिषद के राष्ट्रीय सचिव अवधेश उरमलिया ने कहा कि हमारी 11 सूत्रीय मांगों पर यदि विचार नहीं किया जाता है तो हम उस पार्टी का खुलकर विरोध करेंगे। तेलंगाना में ब्राह्मण आयोग बनाया गया, जब वे कर सकते हैं तो मध्यप्रदेश क्यों नहीं। हमें नीतियां चाहिए घोषणाएं नहीं। स्पष्ट संदेश है कि मांगें पूरी नहीं होती हैं तो चुनाव में सत्ता पक्ष का विरोध किया जाएगा।


    सवर्णों को टिकट देने की मांग एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन ब्राह्मण आयोग का गठन ब्राह्मणों की सरकार से मांग भोपाल में ब्राह्मण सम्मेलन demand for giving tickets to upper castes amendment in Atrocity Act formation of Brahmin Commission demand of Brahmins from the government Brahmin conference in Bhopal