दुनिया के 43 देशों में फादर ऑफ नेशन का कॉन्सेप्ट, महात्मा गांधी को किसने कहा था सबसे पहले राष्ट्रपिता

author-image
Shivasheesh Tiwari
एडिट
New Update
दुनिया के 43 देशों में फादर ऑफ नेशन का कॉन्सेप्ट, महात्मा गांधी को किसने कहा था सबसे पहले राष्ट्रपिता

BHOPAL. अखिल भारतीय इमाम संगठन के चीफ इमाम उमर अहमद इलियासी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को राष्ट्रपिता कह दिया। इसके बाद से ये बहस छिड़ गई है कि क्या भागवत को राष्ट्रपिता कहा जा सकता है या नहीं ? क्योंकि भारत में राष्ट्रपिता का दर्जा तो केवल मोहनदास करमचंद गांधी यानी महात्मा गांधी को दिया गया है। सवाल ये भी है कि क्या राष्ट्रपिता का दर्जा एक संवैधानिक दर्जा है या नहीं ? हम बता रहे हैं इन सभी सवालों का सिलसिलेवार जवाब जो आप जानना चाहते हैं।





क्या है राष्ट्रपिता का शाब्दिक अर्थ 





राष्ट्रपिता दो शब्द राष्ट्र और पिता से मिलकर बना है। यानी राष्ट्र का मतलब देश और पिता का अर्थ जनक है। अर्थात् ऐसा व्यक्ति जिससे उस देश की पहचान होती है और जिसके कारण वह देश अपने स्वरूप को धारण करता है। कहने का मतलब वो व्यक्ति जिसने देश के निर्माण या फिर अस्तित्व को बचाने में महती भूमिका अदा की हो। इसका अंग्रेजी अनुवाद 'father of the nation' होता है। विश्व के कुछ देशों ने अपने-अपने महापुरुषों को राष्ट्रपिता की संज्ञा प्रदान की है। भारत में महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहा जाता है। दुनिया के 43 देशों में फादर ऑफ नेशन का कॉन्सेप्ट है। इसके अलावा कई देशों में The Supreme Warrior (सर्वोच्च योद्धा), Moulders of the Nation (राष्ट्र के निर्माता), Father of the Revolution (क्रांति के जनक) समेत अन्य कॉन्सेप्ट हैं।





गांधी कैसे बने राष्ट्रपिता ?





4 जून 1944 को सुभाष चन्द्र बोस ने सिंगापुर रेडियो से देश की जनता को संबोधित किया था। इस प्रसारण में बोस ने देश को कैसे आजाद करवाया जाए इस पर लंबा भाषण दिया था। इस दौरान उन्होंने आजाद हिंद फौज की योजनाओं को भी देश के सामने रखा था। अपने इसी भाषण में उन्होंने महात्मा गांधी को 'देश का पिता' कहा था। इसके दो दिन बाद उन्होंने आजाद हिंद फौज के सिपाहियों की सभा में 6 जून 1944 को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था।  तब से गांधी के अनुयायी और स्वतंत्रता सेनानी उन्हें इसी नाम से संबोधित करने लेगे, जो बाद में महात्मा गांधी का पर्याय बना। गांधी के निधन पर तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने रेडियो के माध्यम से देश को सूचना दी, जिसमें उन्होंने कहा-'राष्ट्रपिता अब नहीं रहे'। 





देश-दुनिया में गांधी और सुभाष के मतभेदों पर अक्सर चर्चा होती है। लेकिन इन दोनों का इतिहास मैत्री और सहयोगी का भी रहा है। बोस ने गांधी से प्रेरित होकर आईसीएस की नौकरी छोड़ी थी और भारत आकर उन्होंने सबसे पहले महात्मा गांधी से मुलाकात की थी। इसके बारें में उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘एन इंडियन पिलिग्रिम’ में विस्तृत रूप में लिखा है। कस्तूरबा गांधी के निधन पर उन्होंने गांधी को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने कस्तूरबा को राष्ट्रमाता कहा था। 





राष्ट्रपिता क्या संवैधानिक दर्जा है?





भले ही देश भर के लोग महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता के तौर पर जानते हों लेकिन इसका भारतीय संविधान में कोई जिक्र नहीं है। गांधी को राष्ट्रपिता की उपाधि किसने दी और क्या इसकी कोई वैधानिकता है भी अथवा नहीं, तो इस विषय पर बहुत बार चर्चा हो चुकी है। कुछ अति उत्साही लोगों ने सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) आने के बाद इससे संबंधी अधिकार दस्तावे सरकार से मांगे। अभिषेक कादयान नाम के एक आरटीआई कार्यकर्ता की मांग पर गृह मंत्रालय ने लिखित जवाब में कहा- 





 "मोहनदास करमचंद गांधी को देश के लोगों ने प्यार से राष्ट्रपिता कहते हैं। आधिकारिक रूप से राष्ट्रपिता का दर्जा कभी नहीं दिया गया क्योंकि इसकी संविधान में व्यवस्था नहीं है।"





वहीं लखनऊ की ऐश्वर्या पाराशर ने आरटीआई के तहत यही जानकारी मांगी तो कहा गया 





"बापू को राष्ट्रपति की उपाधि देने को लेकर कोई दस्तावेज मौजूद नहीं हैं।"





गृह मंत्रालय ने 18 जून 2012 को दिए उत्तर में कहा कि भले ही महात्मा गांधी को लोकप्रिय ढंग से राष्ट्रपिता कहा जाता है लेकिन सरकार ने कभी इस प्रकार की कोई उपाधि औपचारिक रूप से उन्हें प्रदान नहीं की। 





मंत्रालय ने एक अन्य आरटीआई के जवाब में कहा था कि गांधीजी को दी गई राष्ट्रपिता की उपाधि भले ही कोई वैधानिकता न हो लेकिन अफगानिस्तान के राष्ट्रपिता अहमद शाह अब्दाली और संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपिता जॉर्ज वॉशिंगटन के अनुरूप भारतीय गणराज्य के राष्ट्रपिता के रूप में महात्मा गांधी समूचे विश्व में मान्यता पा चुके है। 





दुनिया के किन-किन देशों में राष्ट्रपिता ?





मोहम्मद जिन्ना को पाकिस्तान के संस्थापक के रूप में जाना जाता है। वे पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल थे। पाकिस्तान में, उन्हें आधिकारिक रूप से 'कायदे-आजम' यानी महान नेता (राष्ट्रपिता) के नाम से नवाजा जाता है। इसका पाकिस्तानी संविधान में उल्लेख है और कायदे-आजम के खिलाफ बोलना राष्ट्रद्रोह माना जाता है, जिस पर देशद्रोह की धाराओं में कार्रवाई भी होती है लेकिन इसके अलावा कुछ और देशों ने अपने महान नेता को राष्ट्रपिता की संवैधानिक उपाधि दी है। इसके विपरीत ज्यादातर देशों ने अपने नेताओं को राष्ट्रपिता की उपाधि तो दी है लेकिन संविधानिक में जिक्र किए बिना। जैसे कई देश अपनी भूमि को 'मातृभूमि' मानते हैं तो कुछ देश 'पितृभूमि' मानते हैं लेकिन इसका संवैधानिक वजूद नहीं मिलता क्योंकि ये देशवासियों की आस्था पर निर्भर करता है। ये बात राष्ट्रपिता के मुद्दे पर भी लागू होती है।





पड़ोसी देशों के राष्ट्रपति





बता दें कि भारत कुल 9 देशों के साथ अपनी सीमा साझा करता है, जो अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, चीन, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका और मालदीव हैं। आइए हम आपको बतातें हैं इन देश के  राष्ट्रपिताओं के नाम-







  • अफगानिस्तान- अहमद शाह अब्दाली



  • बांग्लादेश- शेख़ मुजीबुर रहमान


  • भूटान-  उग्येन वांगचुक


  • चीन- सन यात सेन


  • म्यांमार- आंग सानो


  • नेपाल- पृथ्वी नारायण शाह


  • पाकिस्तान-मुहम्मद अली जिन्ना


  • श्रीलंका- डॉन स्टीफन सेनानायके


  • मालदीव- मुहम्मद फरीद दीदी



     




  • debate on the father of the nation Imam Umar Ahmed Ilyasi called Mohan Bhagwat the father of the nation राष्ट्रपिता पर बहस छिड़ी इमाम उमर अहमद इलियासी ने मोहन भागवत को राष्ट्रपिता कहा concept of the father of the nation राष्ट्रपिता का कॉन्सेप्ट